घर की इज्जत बचाई - New indian porn story

Monday, 19 February 2018

मैं मनीषा आज पहली कहानी आप सब के लिए ले कर आई
हूँ| मुझे उम्मीद है आप को मेरी ये कहानी पसन्द आयेगी| और आप मेरी
ये कहानी पढ़ कर खूब मजे लेंगे| ये कहानी एक सेक्स कहानी तो है ही
पर इस कहानी में मैंने कैसे अपने घर की इज्जत बचाई मैं आप को ये
बताउंगी| मैं पुणे में अपनी बड़ी जॉइंट परिवार के साथ रहती हूँ|
मैं घर की सबसे बड़ी बहु जैसे| अब हाल में ही पुरे घर की जिमेदारी
मिल गई है| | मेरा घर तीन मंजिला का है| सब से ऊपर मेरी चाची सास
और चाचा ससुर जी रहते है| और दुसरे वाले पर मेरा देवर और देवरानी
रहते है| और सब से निचे मैं और मेरे पति और मेरे बच्चे और उनके
साथ मेरे सास ससुर जी रहते है| हमारा अपना परिवार बिजनेस है| इस
लिए सारे घर के मर्द ही उसके हिसेदार है| घर के सरे मर्द सुबह १०
बजे ही फैक्ट्री में चले जाते है और शाम को ७ बजे तक सब वापस आ
जाते है| हमारे घर में सब के बच्चे है और सब के सब बड़े हो गए है|
मेरे अपने दो बच्चे है जो दोनों ही लन्दन में पढाई करने के लिए गए
हुये है| मेरे देवरानी और चाची सास के बच्चे अभी पढाई कर रहे है|
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और उन दोनों के बच्चे अभी सब से छोटे है| जो की अभी यहीं पर पुणे
में ही पढाई कर रहे है| कहने में तो हम एक बड़ी परिवार वाले है| पर
हम सब का अपना अलग अलग किचन है| और तीनों फ्लोर आर २ अलग अलग नोकर
है| जो तीनों के लिए घर का सारा काम करते है| और घर की साफ सफाई
के लिए हमने एक काम वाली रखी हुई है| जो की सुबह आती है और दोपहर
तक सारा काम करके चली जाती है| हमारे घर के ३ नोकर रामू और पपू ये
दोनों परमानेंट है| और एक नोकर जो लोकल ही है रमेश वो अपने घर काम
करके चला जाता है| रामू और पप्पू ये दोनों घर के सब से ऊपर एक
छोटे से बने हुए कमरे में रहते है| सब कुछ बहुत अच्छे से चल रहा
था|
हमारी पूरा परिवार में बहुत प्यार था| सब के सब बहुत खुश थे मेरी
सासु माँ घर में सब से बड़ी है| अब उनकी उम्र हो गई| इसलिए
उन्होंने ख़ुशी से मुझे पुरे घर की चाभी दी हुई है| मेरे पास एक
ऐसा चाभी है जिससे घर का हर दरवाजा खुल जाता है|एक दिन की बात है|
उन दिनों गर्मी अपने पुरे जोर पर था| हम सब औरत ३ बजे तक लंच करके
सो जाती थी| और शाम को ५ या ६ बजे तक उठ कर रात के डिनर की तैयारी
करने लग जाती थी| उस दिन मैं भी रोज की तरह लंच करके सोने लगी| पर
मुझे न जाने उस दिन नींद नहीं आई| मुझे अन्दर से बैचेनी से लग रही
थी| इसलिए मैं उठी और मैंने सोचा क्यों न ऊपर देवरानी से मिल कर
आती हूँ| मैं उसके रूम पर गई तो देखा दरवाजा बंद था| मैंने सोचा
की शायद सो रही होगी| पर मैंने सोचा की मैं खोल कर देख लेती हूँ
अगर ये सो रही होगी तो मैं वापस चली जाउंगी| मैं निचे आयी और
मास्टर चाभी से उसका दरवाजा खोल लिया| और चुपके से अन्दर आई|
अन्दर आते ही मुझे देवरानी की आह आह आह की आवाजें आने लग गई| मैं
हैरान थी क्यूंकि देवर जी तो फैक्ट्री गए हुए थे|
मुझे लगा की शायद वापस आ गए है| मैं चुपचाप वापस जाने लगी तो
मैंने सोचा एक बार देखूं तो क्या चल रहा है| मैं उसके बेडरूम की
साइड वाली खिड़की में से देखने लग गई| पर उस पर पर्दा लगे हुए थे
पर मुझे उसका नंगा पेट दिख रहा था| मुझे लगा शायद ये अपने हाथ से
ही अपनी चूत को शांत कर रही है| पर तभी मुझे एक मर्द का हाथ दिखा
मैं ये देख हैरान रह गई|फिर कुछ ही देर में उस मर्द का चेहरा दिखा
तो मैं हैरान रह गई| क्यूंकि वो और कोई नहीं वो हमारे घर का नोकर
रामू था| मुझे सच में बहुत जोर से धका लगा| फिर मैंने अपने आप को
संभाला मुझे सच में बहुत गुस्सा आ रहा था| क्यूंकि ये ये इतनी बड़े
घर की बहु होते हुए भी एक नोकर से चुदवा रही है|
ये बात मुझे चाची सास को बतानी थी इसलिए मैं चुप चाप उसके रूम से
निकल कर ऊपर वाले फ्लोर पर गई| और देखा तो चाची सास का भी रूम
अन्दर से बंद था| मैंने सोचा की ये आखिर हो क्या रहा है| मैंने
मास्टर चाभी से रूम खोला तो देखा की अन्दर चाची सास भी नोकर पप्पू
से चोद रही है| अब मेरा दिमांग गुस्से से फटने वाला था| मैं चुप
चाप निचे अपनी रूम में आ गई| और बैठ कर ये सोचने लग गई की इन
दोनों ने तो हमारे घर की इज्जत की माँ चोद दी है| जब रात को ७ बजे
देवरानी निचे किचन में आई तो मैंने उस से पूछा की आज दोपर को सो
रही थी क्या| उसने कहा हाँ जी बहुत अच्छी नींद आई| मैंने कहा
अच्छा मैं आई थी तुम्हारे रूम में पर मैंने देखा तो तुम सो नहीं
रही थी| कुछ कर रही थी और वो भी नोकर रामू के साथ| मेरी ये बात
सुन कर वो एक दम डर गई| और रोने लग गई जोर जोर से| तो वो बोलने लग
गई मुझे माफ़ कर दो मैं इसमें कुछ नहीं कर सकती थी| क्यूंकि जब
पिछले महीने मेरी चाची का लड़का मुझसे मिलने आया था उसने मुझे चोदा
था| क्यूंकि हम दोनों का चक्कर शादी से पहले का चल रहा था|
पर उस दिन हम दोनों को सेक्स करते हुए रामू ने देख लिया था| और
साथ ही उसने अपने मोबाइल में हम दोनों की सेक्स विडियो बना ली थी|
मैं बहुत डर गई थी उसने मुझे ब्लैकमेल किया और मेरे साथ सेक्स
करने लग गया| अब तक वो मुझे २० बार से भी ज्यादा चोद चूका है| अब
मुझे उसके साथ चोदने में मजा आने लग गया है| मैं भी क्या करूँ आप
ही बताओ क्यूंकि अगर मैं किसी को बताती तो उसमे मेरी ही बदनामी
होती| मैंने साथ ही अपनी चाची सास को भी बुला लिया| जब उससे पुचा
तो उन्होंने कहा की तुम्हारे चाचा ससुर जी तो अब सेक्स करते नहीं
इसलिए मुझे अपनी चूत की प्यास नोकर से शांत करवानी पड़ती है| मैंने
उन दोनों को बहुत अच्छे से समझाया की तुम दोनों मेरे घर की इज्जत
को ख़राब कर रही हो| अगर किसी को पता चल गया तो क्या होगा हमारे घर
का| कितना नाम है पुणे में सब की माँ चुद जाएगी| क्या कहेंगे लोग
की हमारे घर की बहु अपने ही नोकर से चुद्वाती है| इसलिए मैं ये
चाहती हूँ की तुम ये सब अभी के अभी बंद करो| मेरे कहने का उन
दोनों पर कोई असर नहीं हुआ| वो दोनों अभी भी उन दोनों से सेक्स कर
रही थी|
इसलिए मुझे ही अब कुछ करना था| मैंने सब मेम्बर को एक साथ किया और
कहा की अब हमारे घर में चोरी हो रही है| इसलिए मैंने दो काम वाली
को अपने घर में परमानेंट कर रही हूँ| क्यूंकि दो नोकर मर्द है जो
की घर के लिए ठीक नहीं है| कहीं न कहीं एक डर लगा रहता है की कहीं
कुछ गलत न हो जाये| सब ने मेरी बात मान ली और अगले ही दिन हमने उन
तीनों नोकर को घर से निकल दिया| और उन तीनों की जगह ३ काम वाली रख
ली| उस दिन के बाद आज तक वो दोनों मुझ से ठीक ढंग से बात नहीं
करती| इसका मतलब तो ये हुआ की वो दोनों खुद ही नोकर से चुद्वाती
थी| और मुझ से झूट बोलती थी| पर मुझे इस से अब कोई मतलब नहीं है
क्यूंकि अब मेरा घर का इज्जत एक दम सेफ है|

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