भाभी की चुदाई नौकरी के बहाने

Friday 1 December 2017

ल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और में हल्द्वानी का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 27 साल है और में दिखने में थोड़ा अच्छा हूँ, लेकिन मेरे शरीर की बनावट में कोई कमी नहीं है में अच्छा ख़ासा लंबा चौड़ा हूँ और एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ.
यह घटना आज से तीन महीने पहले की है जब में एक दिन अपने बहुत पक्के दोस्त की दुकान पर बैठा हुआ उससे बातें कर रहा था.
तभी कुछ देर बाद उसकी दुकान पर एक 25 साल की भाभी जी आई, उनका नाम आरती था और वो कुछ कपड़े खरीदने आई थी,
तो वो उसे कपड़े दिखाने लगा और मज़ाक भी कर रहा था, शायद वो उसकी पुरानी ग्राहक थी, वो भी इसलिए उसकी बातों का बहुत हंस हंसकर जवाब दे रही थी.
में भी वहीं पर बैठा अपने मोबाईल पर मैसेज पढ़ रहा था और में भी अपनी मस्ती में मस्त होकर मैसेज को पढ़कर हंस रहा था.

मैसेज दो मतलब का

तभी वो भाभी मेरी तरफ देखकर मुझसे बोली कि क्या तुम हमारी बातें सुनकर हंस रहे हो? तब मेरा ध्यान उनकी तरफ गया, उनका फिगर का आकार करीब 24-28-32 था और वो दिखने में एकदम पतली बिल्कुल मस्त और बहुत ही सुंदर थी.
में कुछ देर उनके सेक्सी उभरे हुए बूब्स को घूरकर देखता रहा और फिर में वहां से उठा और उन्हे अपना मोबाइल दिखाकर दोबारा मैसेज पड़ने लगा, वो मैसेज दो मतलब का था जिसको पढ़कर वो भी हंसने लगी और मेरी तरफ देखने लगी.
दोस्तों कसम से क्या बताऊँ जिस अंदाज से उसने मुझे देखा, में उन पर फिदा हो गया और में लगातार उनके सुंदर चेहरे, सेक्सी बदन को देखता रहा. फिर उसने मुस्कुराकर मुझसे पूछा कि आप क्या करते हो? तो मैंने उन्हे अपने बारे में सब कुछ बता दिया, तभी उसने मुझसे कहा कि प्लीज तुम मेरी भी अपनी कम्पनी में नौकरी लगवा दो.
मैंने उन्हे अपना मोबाईल नंबर दे दिया वो कुछ देर बाद वहां से चली गई और फिर उसके चले जाने के बाद मेरे दोस्त ने मुझे बताया कि इस भाभी की चुदाई  कई लोगों ने की है .
तभी तो वो हर किसी को अपने जाल में फंसाकर अपना बना लेती है. फिर मैंने भी अपने दोस्त से कहा कि अपने को उससे क्या बस भाभी की चुदाई से मतलब है
एक बार भाभी की चुदाई हो गयी उसके बाद अपने अपने रास्ते और फिर हम दोनों हंसने लगे.

फोन आने का इंतजार

अपने दोस्त से उसकी सारी जानकारियां ले ली और उसका फोन आने का इंतजार करने लगा.
ठीक दो दिन बाद उसका मेरे नंबर पर फोन आया और वो मुझसे बोली कि मेरी नौकरी का क्या हुआ? तो मैंने उन्हे कहा कि वक़्त आने पर सब लगा दूँगा, लेकिन उसके बदले में मुझे क्या मिलेगा? तो भाभी मुझसे बोली कि जो आप मुझसे चाहोगे वो सब कुछ मिलेगा.
मैंने कहा कि आप एक बार और सोच लो? तो भाभी बोली कि हाँ मैंने सब कुछ पहले ही सोच लिया है.
तभी मैंने मौका देखकर भाभी से कहा कि अगर में भाभी की चुदाई माँग लूँ तो बोलो क्या कहोगी?
वो बोली कि चल हट झूठा मुझसे मजाक करता है और उसने फोन कट कर दिया. फिर कुछ देर बाद उनका दोबारा फोन आया और मैंने फोन कट करने के बारे में पूछा तो वो बोली की बेट्री खत्म हो गई थी और फिर उसने मुझे दूसरे दिन मिलने को अपने घर पर बुलाया. अब तक हम बहुत खुलकर बातें करने लगे थे, वो मुझे अपनी हर एक बात बता रही थी.

घर पर  इंतजार

उसके बाद मैंने कहा कि ठीक है हम कल मिलते है और फोन रख दिया और फिर अगले दिन उन्होंने मुझे फोन करके अपने घर का पता बताया जो कि मेरे घर से करीब पांच किलोमीटर दूर था. में अपनी बाइक लेकर करीब दिन में दो बजे उससे मिलने चला गया और वो अपने घर पर मेरा इंतजार कर रही थी.
घर पर पहुंचते ही उन्होंने जल्दी से मुझे अंदर बुलाकर बैठने को कहा.
कुछ देर बैठकर उनसे पूछा कि उनका पति कहाँ है? तो वो बोली कि वो इस समय ड्यूटी पर गये है इसलिए वो घर पर एकदम अकेली है और फिर उन्होंने मुस्कुराकर मुझसे पूछा कि बताओ क्या पियोगे?
मैंने कहा कि जो आप पिला दो, वो बोली कि जहर, तो में भी मज़ाक में बोला कि हाँ भाभी वो भी आप मुझे पिला दो, लेकिन अपने गुलाबी रसीले होंठो से लगाकर.
अब वो शरमाकर नीचे देखने लगी कि तभी मैंने उनका एक हाथ पकड़ लिया और उन्हें अपनी तरफ खींच लिया और वो झट से मेरे ऊपर आ गिरी.

भाभी जोश में

तुरंत अपने होंठ उनके होंठो पर रख दिए, लेकिन उन्होंने मुझसे मना नहीं किया और फिर वो मेरा साथ देने लगी. अब में उन्हे किस करते हुए उनके गले को चूमने लगा और उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा कुछ देर बाद उन्हे भी मज़ा आने लगा और उनका शरीर गरम होने लगा.
उन्होंने सेक्सी आवाज़े निकालनी शुरू कर दी और ज़ोर से आअहहह उफ्फ्फ्फ़ प्लीज वाह मज़ा आ गया स्सईईईई करने लगी और सिसकियाँ लेने लगी.
जोश में आकर बिना कुछ बोले और कस कसकर उनके बूब्स को दबाना और मसलना शुरू कर दिया. अब में कभी उनके होंठो पर किस करता तो कभी गालों पर, कभी गले को चूमता और धीरे धीरे उनके बूब्स के बीच में अपना मुहं डालते हुए वहां पर ज़ोर ज़ोर से चूमने लगा,
लेकिन तभी उन्होंने मेरा हाथ एक ज़ोर का झटका देकर तुरंत अपने बूब्स पर से हटा दिया और तुरंत अपना ब्लाउज उतार दिया और फिर ब्रा को उतारते हुए उन्होंने मेरी शर्ट को भी उतार दिया.
अब में बहुत ज़ोर से पूरे जोश में आकर उनके बूब्स को दबाने और चूसने लगा, जिसकी वजह से भाभी को बहुत मज़ा आ रहा था और वो भी जोश में आती जा रही थी और अब मेरा एक हाथ भाभी की चूत को सहला रहा था, वो सिसकियाँ ले रही थी और आआअहह आईईईई उफफ्फ्फ्फ़ कर रही थी.
दोस्तों में अपने एक हाथ से उनके एक बूब्स को दबा रहा था और दूसरे से उनकी चूत को मसल रहा था.
कुछ देर बाद जब मैंने उनकी चूत के छेद में अपनी एक उंगली डाली तो वो बहुत ज्यादा जोश में आ गई और आईईईइईई सीईईईईईईई करने लगी और वो मेरे सर को ज़ोर से अपनी छाती के ऊपर दबाने लगी.

भाभी की चूत में लंड

मैंने भाभी की ब्रा को उतार दिया और उनके मस्त गोल, बड़े बड़े बूब्स को दबा दबाकर चूसने लगा और वो मेरे कपड़े उतारने लगी. फिर कुछ ही देर बाद में सिर्फ़ अंडरवियर में था और भाभी भी पेंटी में थी. मैंने भाभी के पूरे बदन को किस किया और चाटना करना शुरू कर दिया.
भाभी ने भी मेरा जमकर पूरा पूरा साथ देना शुरू कर दिया था और अब मैंने उनको स्मूच करते हुए भाभी की चूत में अपना लंड डाल दिया.
एक बार में मेरा आधा लंड ही अंदर गया था और फिर दूसरे झटके में मैंने अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया और मेरे ऐसा करते ही उनके मुहं से एक ज़ोर की चीख निकल पड़ी और उन्होंने मुझे कसकर पकड़ लिया.
उनके होठों को अपने होठों में दबा लिया और कुछ देर रुक गया. धीरे धीरे जब भाभी की चुदाई का दर्द कम हो गया तो मैंने अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था और अब भाभी को भी बड़ा मज़ा आने लगा था.

चूत झड़ गयी

उन्होंने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया और वो मुझसे बोली कि हाँ और ज़ोर से करो राहुल आह्ह्ह्हह्ह तेज उफ्फ्फ्फ़ हाँ जितना तेज आईईईइ तुम कर सकते हो करो. फिर में भी उनके मुहं से यह बात सुनकर ज्यादा जोश में आ गया और में अपनी पूरी ताक़त से उनकी चूत में अपने लंड को झटके देने लगा.
फिर भाभी की चुदाई करीब 30 मिनट तक चली और इतनी देर में भाभी तीन बार झड़ चुकी थी और में भी कुछ देर बाद उनकी चूत के अंदर ही झड़ गया. फिर हम दोनो नंगे ही एक दूसरे से लिपटकर लेटे रहे और में उनके बदन से कुछ देर खेलता रहा.
दोस्तों मैंने उनको अपनी चुदाई से पूरी तरह से खुश कर दिया था और वो मेरी चुदाई से बहुत संतुष्ट थी. फिर कुछ देर बाद में वहां से अपने घर पर चला आया.

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