पड़ोस की कुंवारी छोकरी

Thursday, 6 July 2017

हैलो रीडर्स,
पहले मैं अपना परिचय देता हूं मैं एक 23 साल का लड़का हूं।
मैंने इस साइट की लगभग सारी स्टोरीज़ पढ़ी हैं और मुझे लगा कि लोग कितनी मनगढ़ंत बातें लिखते हैं सारी स्टोरीज़ में ले देकर एक ही बात को घुमा फिरा कर लिखा गया है।
खैर मुझे इससे क्या लेना देना मैं आपको मेरी एक सच्ची कहानी लिखता हूं जिसमें मेरे पड़ोस की एक लड़की भी है।
मेरा नाम अली है मैं एक मुस्लिम परिवार से हूं। मेरे घर के पास एक परिवार जो कि किराये पर रहता है उस परिवार में तीन लड़कियां हैं जिनमें से मुझे एक लड़की बहुत पसंद है। घटना आज से तीन साल पहले की है जब मेरे घर वाले सभी माउंट आबु रहते थे। मैं एक कम्पनी में जोब करता हूं इसलिये मैं माउंट आबु नहीं गया। मैं घर में अकेला रहता था। उन दिनों मैं उस लड़की से अक्सर बात किया करता था उसकी बातों से मुझे लगा कि वो भी मुझे चाहती है मैंने एक दिन उससे अकेले में मिलना चाहा लेकिन हमारे घर आस पास होने के वजह से हम नहीं मिल पाये मैंने उससे पूछा कि अगर तुम मुझसे रात को मेरे घर पर मिलने आ जाओ तो मैं तुम्हारे लिये घर का दरवाजा खुला छोड़ दूंगा ताकि तुम्हें दरवाजा बजाना नहीं पड़ेगा जिससे किसी को पता भी नहीं लगेगा तो वो मान गयी। अब मैं रात को उससे मिलने के लिये बेकरार हो रहा था। फिर मैंने ओफ़िस से आते समय मेरे दोस्त की मेडिकल से एक कंडोम का पैक ले लिया फिर घर आकर जल्दी से खाना खा कर टीवी देखने लगा और रात का इंतज़ार करने लगा। मैंने पहले ही बताया था कि मैं घर में अकेला रहता हूं इसलिये मेरे पास बहुत सी बीएफ़ सीडी थी जिन्हें मैं अक्सर रात को देखा करता था तो मैंने एक बीएफ़ की सीडी सीडी प्लेयर में डाल दी। फिर रात के 11:30 बजे वो मेरे घर आयी उसने जैसे ही घर में कदम रखा मैं जल्दी से उसको लेकर दरवाजा बंद करके अन्दर लेकर आ गया और उसने पूछा बताओ तुम मुझसे अकेले में क्यों मिलना चाह रहे थे तो मैंने कहा कि ऊपर तो चलो सब बताता हूं फिर हम दोनो टीवी वाले रूम में आ गये। मैंने टीवी और सीडी प्लेयर ओन किया तो बीएफ़ चालू हो गयी वो देख कर बोली यह तुम क्या दिखा रहे हो मुझे। मैंने कहा यही तो मैं तुम्हें दिखाने के लिया बुलाया है। तो वो शारमाके जाने के लिये मुढ़ी तो मैंने उसको पकड़ के अपने पास बिठा लिया मैंने कहा कि मैं यही तो तुम्हें दिखाना चाहता था फिर उसने शरमाकर अपना चेहरा हाथों से ढक लिया। मैंने उससे कहा कि मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं मगर कभी तुमसे पूछने की हिम्मत नही हुई। क्या तुम भी मुझसे प्यार करती हो तो उसने अपना चेहरा हिला कर हां कर दी फिर क्या था मुझे हरी झंडी मिल गयी और मैंने उसके चेहरे से उसके हाथ हटा कर उसके गाल पर किस किया तो उसने अपनी आंखें बंद कर ली मैं उसके गालों से उसके होंठों पर किस करने लगा और वो भी धीरे धीरे मेरा साथ देने लगी मैंने उससे कहा कि देखो तो सही, क्या मस्त सीन चल रहा है मूवी में तो वो देखने लगी और मैं उसको किस करते करते उसके बूब्स को दबाने लगा और वो मदहोश होने लगी और मेरी बाहों में लिपट कर बोली कि न जाने कब से मैं भी दिल ही दिल में तुम्हें चाहती थी मगर तुम्हें बोल न सकी फिर मैने उसकी कमीज़ को उतारना चाहा तो वो बोली नहीं ऐसा मत करो मैंने कहा कि मैं तो सिर्फ़ तुम से प्यार कर रहा हूं अगर तुम नहीं चाहती तो ठीक है मैं नहीं करता तो उसने कहा ठीक है जैसा तुम चाहो कर लो फिर मैंने उसकी कमीज़ के साथ साथ सारे कपड़े उतार दिये अब वो पूरी की पूरी नंगी हो गयी फिर मैंने भी अपने कपड़े उतार दिये और मैंने उसके बूब्स को मसलना चालू कर दिया उसे बड़ा अजीब सा नशा छाने लगा और वो मुझ से लिपट मुझे अपनी बाहों में कसने लगी मैंने धीरे से उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी तो वो उछल पड़ी फिर मैंने उसे चूत में उंगली अंदर बाहर करने लगा और उसे भी मज़ा आने लगा 2 मिनट के बाद मैंने उसको सीधा लिटाया और उस पर चढ़ गया और उसको अपना लंड दिखाने लगा तो उसने मेरा लंड पकड़ कर सहलाना शुरु कर दिया फिर 2-3 मिनट के बाद मैंने अपने लंड पर कंडोम चढ़ा कर उसकी चूत के छेद पर रख दिया और धीरे से झटका दिया मगर उसकी चूत अभी कुंवारी थी तो मेरा लंड अंदर नहीं घुस सका फिर मैंने जोर से एक झटका मारा तो मेरा लंड करीब आधा उसकी चूत में घुस गया और वो एक दम से चिल्लाने लगी। निकाल दो निकाल दो मर जाउंगी तुम्हें मेरी कसम निकाल दो। मैंने उसकी चूत के तरफ़ देखा तो उसमें से खून निकल रहा था उसे शांत कर के कहा कि जानेमन अभी थोड़ा सा दर्द होगा बस 2-3 मिनट के लिये फिर तुम्हें भी मज़ा आने लगेगा मैंने झटके देना बंद किया और उसको किस करना शुरु किया फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उससे पूछा कि अब दर्द तो नहीं हो रहा तो उसने कहा नहीं अब कम है। फिर मैंने धीरे धीरे मेरा लंड अंदर बाहर किया और थोड़ा और उसकी चूत में डाल दिया उसे अब दर्द कम हो रहा था तो वो भी मज़े लेने लग गयी और फिर मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और अंदर बाहर करने लगा करीब 10-15 मिनट के बाद वो झड़ गयी और उसके 5-10 मिनट के बाद मैं भी झड़ गया। और कंडोम उतार के फेंक दिया। अब हम दोनो नंगी हालत में बेड पेर लेटे थे। 10 मिनट के बाद मेरे लंड ने फिर जोश मारा और मैंने फिर एक बार उसको चोदा। अब वो बोली कि अब टाइम ज्यादा हो गया है मुझे चलना चाहिये मैंने कहा कि डार्लिंग थोड़ी देर और रोक जाओ अभी मेरे पास एक कंडोम और बचा है वर्ना यह बेचारा कहेगा मैंने क्या बिगाड़ा था तुम दोनो का जो मुझे छोड़ दिया। उसने कहा कि ठीक है मगर जल्दी करो। फिर मैंने उसको डोगी स्टायल में फिर से चोदना शुरु किया और 15-20 मिनट के बाद हम अलग हो गये। फिर वो चली गयी और मैंने बेड शीट देखी तो वो पूरी लाल हो चुकी थी उसके खून से मैंने बेड शीट बदली और सो गया। उसके बाद तो हमारा लगभग यह रोज का प्रोग्राम चलता रहा करीब 10 महीने उसके बाद मेरे घर वाले वापस जयपुर शिफ़्ट हो गये और हमारा प्रोग्राम बंद हो गया। मुझे बाद में पता चला के मेरे बड़े जीजा जी (जो जयपुर में ही रहते हैं) को किसी ने बता दिया कि हम दोनो रात में यह सब करते हैं। तो मेरे जीजा जी ने मेरे घर वालों को फोन करके बता दिया उनको जयपुर वापस आने को बोल दिया और मेरे घर वाले सब वापस जयपुर शिफ़्ट हो गये।

0 comments:

Post a Comment

Featured post

माँ के बदले में माँ की

सोनू और मैं अच्छे दोस्त थे मुझे पता था सोनू भी मेरी तरह चूत का प्यासा है. हम दोनो ने कुछ कॉल गर्ल को भी चोदा है. अब तो रोज मुझे उषा आंटी को ...

  © Marathi Sex stories The Beach by Marathi sex stories2013

Back to TOP