करज़ एहसान का
Sunday, 21 April 2013
उस घतना के दो महिने के बाद कि ये कहनि है। उस दिन दिदि को अपने ओफ़्फ़िसे के एक परति मे जना था। मैं अपने दोसत के यहा किसि जरुरि कम से जना था। मैं कयोकि रूम से बाद मे निकला सो रूम कि चभि मेरे पाश हि था। रात मे मुझे अने मे देर हो गयि। मैं जब वहा से चला तभि बरिश होने लगि। जब मैं अपने सोलोनी मे पहुचा तो दिदि को उनसले के दरवजे पर खदा पया। दिदि को वहा देखा तो मेरे मन मे बदमशि सुझि मैने सोचा कि देखता हु कि दिदि कया करति है मैने देखा कि रूम का दरवजा खुला और दिदि अनदर चलि गयि। अब रूम का दरवजा बनद हो गया। उस वकत रात के आथ बज रहे थे। उस समय भि बरिस हो रहि थि।मैं अब ये समझ गया कि आज रत जो कुछ भि होने जा रहा था वो उस अदमि के लिये बिलकुल हि रनगिन रात होने जा रहा था।मैं अब उस रूम के ओर गया जहा दिदि बैथि हुयि थि। दिदि को कफ़ि थनद लग रहि थि। अब उनसले दिदि के लिये एक गलस्स मे पनि लेके अये। दिदि ने गिलस के पहि को पि लिया। अब उनसले दुसरे रूम मे चले गये। कुछ देर के बद जब उनसले दिदि के पास अये तो दिदि ने उनसे कहा कि अब मुझे निनद आ रहि है तो उनसले ने बोला चलो सोते है। अब वो दिदि के हथ को पकद लिया और दिदि को लेके दुसरे रूम मे ले गया। वहा ले जके दिदि को अब बेद पर लेता दिया। अब दिदि कि अनखे बनद हो गया था। मैं समझ गया कि आज वो अपने एहसन का करज वशुल करने जा रहा था। अब वो दिदि के सनदिल को खोल दिया और दिदि के सदि को उतरने लगा। दिदि के सादि को उतरने के बाद उसने दिदि के सदि को बलसोनी मे हनगर मे दल दिया। अब वो दिदि के सया को खोल दिया। दिदि ने पैनती पहन रखा था। दिदि के सया को उतरने के बाद उसने दिदि के बलौसे को उतर दिया। अब उसने दिदि के पनती को उतर दिया। दिदि के पैनती को उतरने के बाद उसने दिदि एक बरा को खोल दिया। अब दिदि उसके समने बिलकुल हि ननगि पदि हुयि थि। अब उसने दिदि के सरे कपदो को ले जके बलसोनी ने फ़ैला दिया। अब वो दिदि के पास अया और दिदि के तने हुये बूबस को बरि बरि से दबया तो उसका लुनद अपने अप हि लुनगि के बाहर अगया। अब वो अपने अपको और रोक नहि पा रहा था। अब उसने दिदि के चुद को पुरि तरह से देखने के लिये दिदि के दोनो पैरो को फ़ैला दिया। दिदि के जनघो पर बैथ गया। अब उसने अपने लुनद को दिदि के भिनगे हुये चुद पर रख दिया। और दिदि के चुद मे अपने लुनद को घुसने के लिये अपने कमर को धिरे धिरे पुस किया तो मैने देखा कि दिदि के चुद मे उसके लुनद का सोसक चला गया। अब उसने दिदि के कमर को पकद के अपने कमर को जोर से झतका मरा तो दिदि अपने जगह से एक इनच उपा घसक गयि। अब मैने देखा कि दिदि के चुद मे उसका दो इनच लुनद चला गया था। अब वो अपने कमर को हिलने लगा और दिदि के चुचिओ को धिरे धिरे दबने लगा। कुछ देर के बाद उसने एक जोरसे झतका मरा तो दिदि के मुह से आआआह्हह्हह्हह्हह्हह कि अवज निकलि। मैं समझा कि दिदि को होस अगया लेकिन वैसा नहि था। दिदि के चुद मे उसका अधा लुनद चला गया था।अब वो अपने होथो को दिदि के होथो पर रखा और दिदि के होथो को चुसने के साथ हि दिदि एक कमर को पकद के जोर जोर से झतके मरने लगा। अब मैने देखा कि दिदि के चुद मे उसका पुरा लुनद चला गया था। अब मैने देखा कि दिदि के दोनो पैरो को फ़ोलद कर के दिदि के पैरो को फ़ैला दिया और अब वो बैथ गया और जोर जोर से झतका मरने लगा और दोनो चुचिओ को मसलने लगा। लगभग बिस मिनुत के बाद उसने जब अपने होथो से दिदि के होथो को चुसने के लिये दिदि के होथो के उपर अपने होथो को रखा तो मैं समझ गया कि उसका सपुरम दिदि के चुद मे गिरने वला था कयोकि वो दिदि के चुद मे जोर जोर से झतके मर रहा था। कुछ देर के बाद वो सनत पद गया। कुछ देर के बाद वो दिदि के उपर से हत गया और दिदि को अपने बहो मे कसते हुये सो गया।
भोर मे जब मेरि निनद खुलि तो मैने देक्कहा कि वो दोनो वैसे हि सोये हुये थे। अचनक दिदि कि निनद खुलि तो वो अपने अपको उसके बहो मे ननगि अवसथा मे देखा तो समझ गयि। वो भि जग गया था। अब उसने दिदि के गल पर एक चुमा लिया। अब वो दिदि के गनद को अपने तरफ़ करने कहा तो दिदि ने बिना कुछ कहे अपने पिथ को उसके तरफ़ कर दिया। अब वो उथ के दिदि के गनद मे अपने लुनद को दलने के लिये सबसे पहले दिदि के गनद पर अपने लुनद को रगदा तो मैने देका कि दिदि के गनद पर उसके लुनद का पनि छुत गया। अब उसने दिदि के गनद को गिला कर दिया। अब दिदि ने अपने गानद को अपने हथो से फ़ैला दिया। उसने अपने लुनद को दिदि के गनद मे दलने के बाद उसने दिदि के कमर को पकद के जोर जोर से तिन झतके मरा तो दिदि पुरि तरह से चतपता उथि। अब दिदि ने अपने कमर को खिचने लगि तो वो दिदि के उपर चध गया। और दिदि के गनद मे अपने लुनद से पुमपिनग करने लगा। कुछ देर के बाद दिदि सनत पद गयि। वो दिदि के उपर चध के दिदि को बिस मिनुत तक पेलता रहा तब वो सानत हो गया। कुछ देर वैसे हि पदे रहने के बाद वो दिदि के उपर से हत गया।
अब दिदि को सिधा करने के बाद दिदि के पैर को हलका सा फ़ैलया तो दिदि ने बोला कि पेशब लगि है। वो दिदि को लेके बाथरूम मे गया वहा से जब वपस अये तो मैने देखा कि दिदि ने अब उसके लुनद को अपने मुथि मे पकद रखा था। अब दिदि बेद पर लेत गयि। अब उनसले ने एक दिबे को लेके अये और दिदि के कमर के पास रखा । अब दिदि के चुद मे तेल लगने लगे तो दिदि ने भि अपने हथो मे तेल ले के उसके लुनद मे तेल लगने लगि। तेल लगने के बाद वो दिदि के जनघ पर बैथ गये अब दिदि ने अपने चुद को फ़ैला दिया। उसने अपने लुनद को दिदि के चुद पर सता के जोर से झतका मरा तो दिदि के मुह से आआआआआआआआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह ऊऊऊऊऊऊऊऊफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़ कि चिख को सुन के समझ गया कि दिदि के चुद मे उसका लुनद चला गया अब उसने दिदि के चुचिओ मे तेल लगने के बाद चुचिओ को मसलने के साथ हि दिदि के चुद मे अपने लुनद को अनदर और अनदर ले जने के लिये जोर जोर से झतके मरने लगा। दिदि उसके हर एक झतके का जबब आआआह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह ऊऊऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह आआआआआआआह्हह्हह्हह्हह्हह न्नन्नन्ननाआआआआआईईईईईईईईईईईई धीईईईईईरेरीईईईईईईए आआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह ऊऊऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह्हह ऊऊऊऊऊउम्मम्मम्मम्मम्मम आआआआआआह्हह्हह्हह्हह कि अवज निकल रहि थि। कुछ देर के बाद जब उसके का कुछ भग अनदर चला गया तो उसने दिदि से पुछा कैसा लग रहा है तो दिदि ने अनखे बनद कर के मुसकुरते हुये अपने गरदन को हिला कर हा मे जबब दिया। इतना सुन के उसको फ़िर से जोस आया और उसने जोर से झतका मरा तो दिदि पुरि तरह से सिहर उथि।अब दिदि के चुद मे उसका पुरा दनदा चला गया था। दिदि कुछ देर के बाद मदहोस भरि अनदज़ मे अवज निकलने लगि जिस्से उसका जोस और बधने लगा। उसने दिदि के चुद मे अपने पुरे लुनद को घुसने के लिये एक जोर का धका मरा तो दिदि छतपता उथि और आआआह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह ऊऊऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह आआआआआआआह्हह्हह्हह्हह्हह न्नन्नन्ननाआआआआआईईईईईईईईईईईई धीईईईईईरेरीईईईईईईए आआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह ऊऊऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह्हह ऊऊऊऊऊउम्मम्मम्मम्मम्मम आआआआआआह्हह्हह्हह्हह कि अवज के सथ अपने चुद को सहलने लगि। तब उसने बोला बस और पच मिनुत कि बात है। इतना कहते हुये उसने दिदि के चुचि को अपने मुह से लेके चुसने लगा और अपने कमर को हिलने लगा। दिदि भि कुछ देर के बाद मज़ा लेने लगि।
मुझे अपने उनतिस साल कि जवन दिदि को पच्चपन साल के सनध से चुदते देख के बहुत हि मजा आ रहा था। कुछ देर के बाद उसने दिदि के होथो को चुसना सुरु किया तो दिदि भि उसका खुल के सथ देने लगि। मैं समझ गया कि अब दोनो पुरे सबब पर है। दिदि अपने दोनो जनघो को फ़ैला रखा था। अब उसका पुरा लुनद दिदि के चुद मे चला गया था। दिदि अपने हथो को उसके पिथ पर रगर रहि थि और वो दिदि के दोनो चुचिओ को मसलते हुये चोद रहा था। इस तरह से दिदि अपने करज को उतरवा रहि थि।
कुछ देर के बाद दोनो सनत पद गये तो मैने समझ लिया कि दिदि अब पुरि तरह से उसकि रखैल बन गयि थि।
दस मिनुत के बाद वो दिदि के उपर से हत गया। दिदि कि चुद को देख के ऐसा लगता था कि जैसे रात भर कुतै किया गया हो। कुछ देर के बाद दिदि उथ के अपने कपदो को पहन के तैयर हो गयि तो मैं वहा से हत गया। कुछ देर के बाद मैं दरवजे कि घनति बजै।दिदि ने दरवजा खोला।उनहोने पुछा कि कब अये तो मैने बतया कि अभि अया हु। मैने उनसे पुछा कि आप कब अयि तो उनहोने बतया थोदे देर पहले हि।
हम दोनो अब अपने रूम पर चले गये। उस रोज मैं दिन भर उस रात के चुदै के बरे मे सोचता रहा। लेकिन दिदि को इस बात का पता नहि चलने दिया कि मैने उनकि चुदै को देखा है।
0 comments:
Post a Comment