मेरी बेटी
Wednesday, 24 April 2013
मगर हमारी जिन्दगी में चेंज तब आया जब एक दिन मेरी बेटी अपनी दोस्तों के साथ बाहर गई और मैंने सोचा कि उसकी अलमारी की सफाई कर दूँ . मैंने देखा कि उसकी अलमारी में अडल्ट बुक्स और सी डी'ज् पड़े थे . उस दिन सालों से सोयी वासना जाग उठी और में अपनी बेटी को दूसरी नज़रों से देखने लगा . मेरी बेटी १६ सालों की सेक्सी लड़की थी , उसका साइज़ ३२ -२८ -३२ था . मैं हर समय उस पर नज़र रखने लगा .वो अक्सर घर में शोर्ट्स पहनती है . मैं अक्सर उनमे उसके सेक्सी लेग्स और पैंटी को देखता रहता . उसके ब्रा को लेकर मुठ मारता .
मेरा और उसका कमरा साथ -साथ हैं और मैंने उसके कमरे में देखने के लिए बीच में एक मोरी भी कर ली . एक दिन मैंने देखा की रात को करीब १२ बजे उसके कमरे से आवाज़ आ रही है मैंने देखा तो सोनिया अडल्ट फ़िल्म देख रही थी .उसके फेस दूसरी तरफ़ था और वो सिसकियाँ ले रही थी . मैं अपने आप को रोक न सका और मैंने उसके कमरे का डोर ओपन कर दिया वो मुझे देख कर डर गई और रोने लगी . मैं उसके पास जाकर उसे पकड़ लिया . वो मुझे कहने लगी पापा यह क्या कर रहे हैं . मैंने कहा वही जो एक मरद और औरत करते हैं . पर मैं आपकी बेटी हूँ उसने कहा . पर मैंने उसकी बात नही सुनी और उसकी नाईटी फाड़ दी . उसने अंदर से कुछ नहीं पहना था . उसके गोरे -गोरे मुम्मे देख कर में होश खो बैठा और उन्हें चूसने लगा . उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था . मैं उसकी चूत को चूसने लगा . अब तक सोनिया भी गरम हो गई थी वो भी मेरा साथ देने लगी . मैंने अपने कपड़े उतार दिए और अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया फिर मैंने उसकी लेग्स खोल कर अपना लंड उसकी चूत पे रखा . पहले ही स्ट्रोक में मैंने अपना ३ इंच लंड अंदर घुसा दिया सोनिया चीखने लगी थी मैंने उसके लिप्स को अपने लिप्स से दबा दिया दूसरे स्ट्रोक में मैंने अपना पूरा लंड अन्दर घुसा दिया . उसकी आखों से आंसू आने लगे मगर मैं लगातार स्ट्रोक लगाता रहा
नेक्स्ट मोर्निंग मैं अपनी रात वाली बात से बहुत दुखी था मैं सोनिया से नज़रें नहीं मिला पा रहा था . मगर रात को सोनिया मेरे रूम में आई और बोली अपने मेरी खातिर अपनी सारी जिन्दगी ख़राब कर दी तो मैं क्या आपकी खातिर कुछ नहीं कर सकती . उसने अपने कपड़े उतार दिये और मेरे भी उतारने लगी . उसके बाद हम डेली सेक्स करने लगे जब भी हम घर पर होते नंगे ही रहते . करीब २ महीने के बाद सोनिया प्रेग्नेंट हो गई . तब हम लुधियाना से दिल्ली आ गए और यहाँ आकर शादी कर ली और पति पत्नी के तरह रहने लगे . यहाँ किसी को नहीं पता कि हम बाप बेटी हैं . जब सोनिया के डिलिवरी हुई तो में बहुत डरा क्यूँ की में अपना दूसरा जीवनसाथी नहीं खोना चाहता था . अब सोनिया मेरे दो बेटों की माँ है . मगर कभी -कभी मैं सोचता के सोनिया हमारे बेटों की माँ है या बहिन .
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