बहन के साथ बिताई अनोखी रातें

Sunday, 5 February 2017

हैल्लो दोस्तों मेरा नाम आकाश है। मेरी उम्र बाईस साल की है में दिखने मे बहुत अच्छा लड़का हूँ। आज पहली बार अपनी कहानी आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ जो की मेरी सग़ी बड़ी बहन के साथ हुई थी। मेरी बहन का नाम संतोष है। बहुत ही गोरी और सुंदर है। ये बात उन दिनो की है, जब में बीस साल का था और मेरी बहन इक्कीस साल की ही थी। क्या मस्त जवानी थी। उसका फिगर 32-28-30 होगा। बचपन मे मैंने बहुत बार अपनी बहन को माँ से डांट खाते देखा था कि वो गली के आवारा लड़को के साथ क्यों घूमने जाती है।
अब दो तीन लड़के हमेशा हमारे घर के आस पास घूमते रहते थे मेरी बहन को लाईन मरने के लिए। एक दिन एक विजय नाम के लड़के ने मुझे अपने घर बुलाया और चॉकलेट देकर कहा कि में तेरी बहन संतोष से बहुत प्यार करता हूँ। तू ये लेटर उसको दे देना और कहना मुझे एक बार उससे मिलना है। अब लेटर लेकर में वापस घर चला आया और लेटर लाकर अपनी बहन को दे दिया, उसने मुझे बोला किसी को बताना नहीं आकाश ठीक है प्लीज़, मैंने कहा कि नहीं बताऊंगा, तुम पहले मुझे एक क़िस्सी दो उसने अपने होठ गीले किये और मेरे गाल पर क़िस्सी कर दी उम्म्म्मह बस अब तो नहीं बताओगे किसी को संतोष बोली।
अब एक दिन संतोष ने कहा कि मम्मी मुझे मार्केट जाना है कुछ सामान लाने, तभी मम्मी ने कहा कि तू अकेली कहीं नहीं जाएगी तू आकाश को साथ मे ले जा और तभी मम्मी ने मुझे बोला कि तू इसका ध्यान रखना किसी से मिले तो मुझे बता देना मैंने कहा कि ठीक है और में अपनी बहन के साथ मार्केट चला गया, रास्ते मे हमे विजय मिला और मुझे और संतोष को अपने घर पर ले गया तब मुझे पता चला की मेरी बहन घर से मार्केट का बहाना करके अपने आशिक़ से मिलने आई है। फिर मुझे विजय ने कोल्ड ड्रिंक दी और कहा कि तुम यही रहना हम दूसरे कमरे मे बात करके अभी आते हैं, मैंने कहा ठीक है लेकिन जल्दी आना दीदी मम्मी चिल्लाएगी अगर देर हो गयी तो। अचानक उनके कमरे से दीदी की आवाज़ आने लगी थी उउउ मर गयी विजय प्लीज़ धीरे करो में घर कैसे जाउंगी आईईइ उूउउफ़फ्फ़ बहुत दर्द हो रहा है, अब ये सब सुनकर में परेशान हो गया था और तभी मैंने सोचा में जाकर देखता हूँ कि क्या बात है।
उन्होने दरवाजा बंद नहीं किया था, मैंने थोड़ा सा दरवाजा खोलकर देखा तो मेरी तो हालत ही खराब हो गई थी। विजय और संतोष दोनों नंगे बिस्तर पर लेटे हुए थे, विजय मेरी बहन के ऊपर ज़ोर ज़ोर से उछल रहा था और संतोष चिल्ला रही थी, बस करो बाकी कल कर लेना मेरा भाई देख लेगा आआययइईई माँ मर गाइिईई प्लीज छोड़ दो विजय और फिर थोड़ी देर बाद वो एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे। अब ये सब देखकर मुझे भी जोश आने लगा और मेरा मन भी अपनी बहन को चोदने को करने लगा था।
अब कुछ देर बाद संतोष और विजय बाहर आए और हम घर को चल दिए मेरी बहन कुछ लंगड़ाकर चल रही थी, तभी मैंने पूछा क्या हुआ? तो उसने बोला कुछ नहीं बस थोड़ी सी मौच आ गयी है। तो फिर तू चिल्ला क्यों रही थी तेरी आवाज़ बाहर तक आ रही थी। अब वो थोड़ा सा घबरा कर बोली वो विजय मेरी मौच के दर्द को ठीक कर रहा था ना इसलिए अगर मम्मी पूछेगी तो यही बोलना ठीक हैसमझ गया ना। मैंने कहा ठीक है पर किस्सी, वो बोली समझ गई तू घर पर जाते ही ले लेना क़िस्सी ठीक है, मैंने कहा अब ठीक है दीदी। फिर हम घर आ गये और मम्मी ने हमे बहुत डाटा, फिर संतोष खाना बनाने किचन मे चली गयी थी और में नहाने।
मेरे दिमाग़ मे अभी तक विजय और मेरी नंगी बहन का ही शॉट चल रहा था और में सोच रहा था कि में कैसे चोद सकता हूँ अपनी सेक्सी बहन को और बाथरूम मे उसके नाम की मुट्ठी मार कर शांत हो गया। अब अगले दिन मेरी माँ बाज़ार गयी हुई थी और संतोष सो रही थी तभी मैंने बहुत हिम्मत करके अपना लंड निकाला और अपनी बहन के हाथ मे रख दिया, उसके बाद उसके बालों मे फैरने लगा और उसके बाद उसके होठो पर रख दिया, अब जैसे ही वो थोड़ा हिली तो में एकदम हट कर दूर हो गया और वो फिर से सो गयी।
अब मैंने उसके होठो को किस किया और वही बैठ कर मुट्ठी मारने लगा और थोड़ी देर मे मेरा सारा पानी निकल गया और मैंने उसे साफ करके अपनी सेक्सी बहन के बगल मे जा कर सोने का नाटक करने लगा था, मैंने अपना एक हाथ संतोष की चूची पर रखा उसने कुछ हरकत नहीं की तो में उसे सहलाने लगा क्या मुलायम बूब्स थे मन तो कर रहा था कि अभी चड़ जाऊं अपनी बहन के ऊपर लेकिन बहुत डर लग रहा था।
अब में थोड़ी देर ही सहलाता रहा उसने एकदम से मेरा हाथ पकड़ कर हटा दिया, फिर में थोड़ी देर बिना हिले सोने की एक्टिंग करने लगा। दो मिनट बाद मैंने फिर उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए उसको पता चल गया कि में जानबूझ कर ऐसा कर रहा हूँ और दूसरी तरफ करवट करके सो गयी फिर मैंने कुछ नहीं किया और में उठकर चला गया। लेकिन कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा एक दिन मौका मिला जब घर पर कोई नहीं था। माँ पड़ोस मे आंटी के घर बैठी हुई थी और संतोष नहाने बाथरूम मे घुसी में टॉयलेट मे चला गया हमारे बाथरूम और टॉयलेट के गेट अलग अलग हैं बीच मे एक दीवार है जो ऊपर से 1×1 के हॉल मे खुली है। जब संतोष नहा रही थी तो में उसे उस छेद से देखने लगा था, क्या मस्त लग रही थी वो पूरी नंगी थी और उसके घुँघराले बाल उसकी कमर पर पड़े थे, अब मुझे उस हॉल से झाकते वक़्त संतोष ने देख लिया था, क्योंकि अब मेरी साँसे बहुत तेज हो गयी थी उस हॉल पर लटके लटके उसने देखते ही बोला हरामजादे मुझे नंगा देख लिया रुक जा में अभी मम्मी को बताउंगी, में अभी बाहर आती हूँ नहाकर। अब में बहुत डर गया था और मेरे पैर काँपने लगे थे। अब संतोष जल्दबाजी मे ऐसे ही तोलिया लपेट कर ही बाहर आ गयी और मुझे एक थप्पड़ दिया और कहा कि आने दे मम्मी को बताती हूँ तेरी सारी हरकत। मैंने भी कहा अगर तू मेरी बात बताएगी तो में भी तेरी और विजय की बात बता दूँगा जो तू उसके साथ कमरे मे नंगी होकर कर रही थी।
तभी वो थोड़ा शांत हुई और बोलने लगी कि आज़ाद ये सब ठीक नहीं है, में तेरी बहन हूँ तू मुझे नंगी कैसे देख सकता है। तभी मैंने कहा कि मुझे कुछ नहीं पता है में तुझे बहुत प्यार करता हूँ और तुझे पाना चाहता हूँ, तभी उसने कहा ठीक है इस बारे मे बाद मे बात करेंगे अभी मम्मी आने वाली है, तू जा मुझे कपड़े बदलने दे और मैंने एकदम से उसका तोलिया खींच दिया वो फिर से मेरे सामने नंगी हो गयी। अब में उससे चिपक गया और कहा कि आई लव यू यार और उसकी चूचियों पर किस करके भाग गया। अब एक दो दिन तक हमे टाइम नहीं मिल पाया मम्मी पापा की वजह से फिर उसके बाद मम्मी पापा एक हफ्ते के लिए गावं चले गये घूमने। अब मानो मेरी तो जैसे लौटरी लग गयी हो।
अब में बहुत खुश था और संतोष भी। वो मेरी वजह से नहीं विजय से मिलने के लिए खुश थी। मम्मी ने मुझसे कहा था कि तू इस पर नज़र रखना और तू इसे कहीं जाने मत देना हम जल्दी आ जाएँगे ठीक है, तू अपना और दीदी का ख्याल रखना। इतना बोल कर मम्मी पापा चले गये थे और अब में मुस्कुरा कर संतोष को देखने लगा था और वो शरमा कर देख रही थी। लेकिन शाम तक सब ठीक था हमने कुछ नहीं किया। अब रात को हम दोनों को एक साथ ही सोना था। अब हम दोनो ने रात का खाना साथ मे ही बैठ कर खाया और अब हम दोनों बेड पर आ गये थे, में संतोष को देख कर हँसने लगा, तभी वो बोली तुझे आज बहुत हंसी आ रही है तभी मैंने कहा नहीं हंसूगा तुम अपने कपड़े उतारो ना, अभी उसने कहा मुझसे नहीं उतरते तू अपने आप उतार ले। अब में बहुत खुश हो गया और अब मैंने एक एक करके उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसके बुरी तरह से चिपक गया था दीदी के बदन से, दीदी ने कहा अरे पागल अपने कपड़े तो उतार ले। तो मैंने भी कह दिया मुझसे नहीं उतरते खुद ही उतार लो वो पहले थोड़ा हंसी और फिर उसने मेरे तन से हर एक कपड़ा अलग कर दिया और बोली बता अब तू क्या करना चाहता है मैंने कहा पहले मेरा लंड चूसो उसने कहा ठीक है।
अब उसने मेरे लंड को अपने होठो से लगाया और मुहं मे लेकर प्यार से चूसने लगी और थोड़ी देर बाद मेरा पानी निकल गया और दीदी ने कहा बस तू तो पूरी रात मज़े करने के लिए कह रहा था। मैंने कहा अब में क्या करूँ जब तुम सेक्सी ही इतनी हो तो कोई कैसे रोक पाएगा, तभी उसने कहा भाई में विजय को बुला लूँ मेरा बहुत दिल कर रहा है उससे चुदने का। मैंने कहा ठीक है बुला लो लेकिन पीछे वाले गेट से आने को कहना और में भी चोदूँगा तुम्हे उसके साथ। दीदी ने कहा ठीक है तू भी चोद लेना।
अब थोड़ी देर मे विजय आ गया और आते ही दीदी को गोद मे उठा कर बेड पर ले आया और मेरे सामने उसे चोदने लगा और मुझसे कहा आजा सीख ले चुदाई कैसे करते हैं। अब दीदी बहुत तेज तेज अपनी गांड उठा कर उसका साथ दे रही थी और बोल रही थी चोद साले आज अपनी रंडी को कोई भी नहीं है रोकने वाला, फाड़ दे आज मेरी चूत, मेरा लंड विजय से बड़ा था, फिर भी मे अपनी बहन को मज़ा नहीं दे पाया क्योंकि मेरा लंड खड़ा होने से पहले ही झड़ गया था। अब मैंने सोच लिया था कि में भी दीदी को तबीयत से मज़े देकर चोदूंगा।
अब दीदी की आवाज़ अह्ह्ह मज़्ज़्ज़्ज़ा आ गया विजय अच्छे से करो आज कोई जल्दी नहीं उूउऊययईईई माँ क्या बात है और एकदम से, अब विजय ने अपना लंड निकाल कर मेरी बहन के मुहं मे दे दिया और धक्के मरता रहा और फिर थोड़ी देर बाद वो दीदी के मुहं मे ही झड़ गया और दीदी उसका वीर्य बड़े प्यार से पीती जा रही थी और लंड को चूस रही थी, फिर विजय वहाँ से चला गया और में और संतोष दीदी साथ साथ नंगे ही सो गये थे।
अब फिर अगले दिन रोज की तरह सारे काम किए और रात को खाना खा कर सो गये मैंने कुछ भी नहीं किया दीदी के साथ तीन दिन ऐसे ही चलता रहा और फिर अब दीदी की चूत मे खुजली होने लगी थी, तभी उसने मुझसे कहा भाई एक बार कर ले ना मेरा भी काम हो जाएगा और तेरा भी। मैंने कहा क्यों जल्दी क्या है तो उसने बताया कि परसो पापा मम्मी आ रहे हैं। अब वो मुझे बहुत मनाने लगी और अब उसने मेरे लंड पर अपना हाथ रख दिया और सहलाने लगी थी अब मुझे भी कुछ कुछ होने लगा और तभी मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया था और में पागलो कि तरह उसे किस करने लगा था और उसके होंठो को चूसने लगा था। अब धीरे से मैंने अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और उसे दबाने लगा और तभी मेरा लंड तो एकदम खड़ा हो गया, अब में बहुत ज्यादा ही गर्म हो गया तभी में ज़ोर ज़ोर से उसके बूब्स को प्रेस करने लगा तो वो चिल्लाई और कहने लगी कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है।
अब मैंने कुछ नही सुना और ज़ोर ज़ोर से बूब्स को दबाता रहा और उसको किस करता रहा। अब वो भी धीरे धीरे गर्म हो गई और अब मेरा साथ देने लगी थी। अब मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया। अब उसके बाद तो में पागल सा हो गया था उसके बूब्स को देखकर, क्या मस्त बूब्स थे बिलकुल गोल बड़े गोरे गोरे पिंक निप्पल, उसके बूब्स को देखते ही मुझे उन्हें चूसने की इच्छा हुई कि अभी पकड़ कर चूस लूँ। उसने पिंक कलर की ब्रा पहनी हुई थी में ऊपर से ही उसे जोर जोर से दबाने लगा था और चूसने लगा था। तभी मैंने उसकी ब्रा को पकड़ कर खींचा और ब्रा का हुक तोड़ दिया, अब में तो पागल की तरह उसके बूब्स पर टूट पड़ा और बूब्स चूसने लगा।
अब वो धीरे धीरे पूरी गर्म हो चुकी थी और आहे भर रही थी। अब मैंने करीब दस मिनट तक उसके बूब्स को चूसा और फिर अपना एक हाथ उसकी चूत पर रख दिया और धीरे धीरे चूत को सहलाने लगा। वो भी पागलो कि तरह आहें भरे जा रही थी। तभी मैंने उसकी जिन्स के बटन को खोल कर अलग कर दिया। मैंने देखा कि वो ब्लेक कलर की पेंटी पहनी हुई थी, जैसे ही मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा तो मुझे थोड़ा गीलापन महसूस हुआ। अब उसकी पेंटी पूरी तरह गीली हो चुकी थी और वो कामुक होकर मुझे देख रही थी और फिर मैंने एक ही झटके में उसकी पेंटी को अलग कर दिया था और में भी चूत को देखकर कामुक हो गया था।
क्या चूत थी उसकी पूरी क्लीन शेव फूली हुई एक दम लाल। में तो कामुक ही हो गया था और अब में उसकी चूत को सहलाने लगा था। अब वो आहें भर रही थी और तभी मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया और तभी उसने कहा कि ये आप क्या कर रहे हो, तभी मैंने कहा कि मस्ती कर रहा हूँ। अब तुम्हे भी मज़ा आएगा, अब मैंने पांच मिनट तक उसकी चूत को चाटा क्या मस्त चूत थी उसकी और फिर में खड़ा हो गया और मैंने अपने कपड़े भी उतार दिये। अब वो मेरा लंड देख कर डर गई और कहने लगी कि इतना बड़ा लंड। अब मैंने उससे कहा तुम इसे अपने हाथ मे लो तभी उसने मना कर दिया। अब मैंने उसकी चूत मे अपनी उंगली डाली उसकी चूत एकदम टाइट थी और जैसे ही मैंने अपनी एक उंगली डाली वो उछल पड़ी थी और कहने लगी कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है। अब मैंने उसे कहा कि दीदी तुम चिंता मत करो तुम्हे कुछ नहीं होगा। तभी मैंने अपना लंड उसकी चूत पर टिकाया और अंदर घुसाने लगा। लेकिन चूत टाईट होने की वजह से लंड घुस ही नहीं रहा था, अब मैंने थोड़ा सा कोल्ड क्रीम अपने लंड पर लगाया और फिर थोड़ा उसकी चूत पर भी लगाया और अब मैंने धीरे से अपने लंड को चूत पर रखकर हल्का सा धक्का दिया और तभी वो बहुत जोर से चिल्ला उठी और रोने लगी थी और कहने लगी कि प्लीज मुझे छोड़ दो मुझे बहुत दर्द हो रहा है।
अब मैंने बोला कि कुछ नही होगा जानेमन अभी कुछ देर बाद तुम्हे भी बहुत मज़ा आएगा और फिर में उसे किस करने लगा और कुछ देर के बाद मैंने एक जोरदार धक्का लगाया और मेरा लंड आधा उसकी चूत मे चला गया और उसके चूत से खून निकलने लगा और वो चिल्ला रही थी प्लीज छोड़ दो, में मर जाउंगी। तभी मैंने उसके मुहं पर अपने मुहं को लगाया और ज़ोर ज़ोर से उसे किस करने लगा।
अब उसके मुहं से आवाज़ नही निकली और तभी मैंने एक और जोर का धक्का दिया, अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया और वो दर्द से छटपटा रही थी और कह रही थी कि छोड़ दो प्लीज मुझे, अब में भी कुछ देर के लिए उसी तरह शांत रहा और किस करता रहा और जब वो शांत हुई, तभी मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिये और में अपने एक हाथ से उसके बूब्स को दबाने लगा। अब उसे भी दर्द कम हो रहा था और उसे भी मज़ा आने लगा था और तभी कुछ देर के बाद वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी। तभी मैंने कुछ देर बाद अपनी रफ़्तार बड़ा दी और वो भी अपनी चूतड़ को हिलाने लगी और आईईइ मर गई में चोदो और जोर से चोदो मुझे फाड़ दो आज मेरी चूत को ऐसे कहने लगी। अब मैंने उसे पूछा क्यों मज़ा आ रहा है ना और तभी उसने कहा कि हाँ अब मुझे बहुत मजा आ रहा है चोदो और जोर से। अब करीब दस मिनट की चुदाई के बाद उसने मुझे जोर से पकड़ लिया और कहने लगी रुको नहीं चोदो ज़ोर से और तभी मैंने फिर अपनी रफ़्तार बड़ा दी और करीब पांच मिनट के बाद में झड़ने वाला था और तभी मैंने कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ, तभी उसने भी कहा कि में भी अब झड़ने वाली हूँ। अब वो कुछ देर के बाद शांत हो गई वो झड़ गई। अब में भी झड़ने वाला था तभी मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकाला और बेड पर पूरा वीर्य गिरा दिया। अब उसने लंड को मुहं मे लिया और चूसने लगी और चूस चूस कर उसने पूरे लंड को साफ कर दिया। अब वो बहुत खुश दिख रही थी। तभी मैंने उससे पूछा क्या तुम्हे मज़ा नहीं आया, अब उसने कहा कि मुझे आज पहली बार चुदाई में दर्द के साथ बहुत मज़ा आया। आज के बाद तुम जब कहोगे में मना नहीं करूंगी लंड लेने से।
लेकिन अब जैसे ही वो बेड से उठी तो उसने बेड पर खून देखकर वो डर गई और कहने लगी कि अब क्या होगा और अब वो ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी।
तभी उसने बाथरूम मे जाकर कपड़े चेंज किये और वापस रूम मे आ गई, अब मैंने उससे सहारा देकर बेड पर लिटा दिया और मैंने उसके सर पर किस किया और उससे गुड नाईट बोला और में भी उसके बूब्स पर हाथ रखकर सो गया।
दोस्तों इस चुदाई के बाद अब वो बाहर नहीं जाती है। अब वो घर पर ही मुझसे चुदवाती है। उसने कई बार मेरा लंड लिया कभी चूत मे कभी गांड मे और मुहं मे भी ।।
धन्यवाद …

0 comments:

Post a Comment

Featured post

माँ के बदले में माँ की

सोनू और मैं अच्छे दोस्त थे मुझे पता था सोनू भी मेरी तरह चूत का प्यासा है. हम दोनो ने कुछ कॉल गर्ल को भी चोदा है. अब तो रोज मुझे उषा आंटी को ...

  © Marathi Sex stories The Beach by Marathi sex stories2013

Back to TOP