ओफ़िस में मेरी पत्नी
Saturday, 18 May 2013
मेरा नाम राज है और मेरी पत्नी का नाम इला। उसकी उमर रंगरलियां साल की है। वो एक ओफ़िस में काम करती है। मैं रोज शाम को उसे ६ बजे कार में लेने जाता हूं। इला देखने में बहुत सेक्सी है।
आज इला का फ़ोन आ गया कि उसे ओफ़िस में जरूरी काम है इस्लिए उसे देर हो जाएगी और वो ओटो से घर आ जाएगी। मैं भी घर जा कर आराम करने लगा। अचानक मुझे एक जरूरी काम याद आ गया। मैं वो काम करने बाज़ार गया। अपना काम करने में मुझे दो घण्टे लग गये। मैंने सोचा कि इला भी फ़्री हो गई होगी तो उसे भी साथ ले चलूं। मैं वहीं से इला के ओफ़िस की तरफ़ चल पड़ा।
उसका ओफ़िस सबसे उपरी मन्जिल पर है। मैं वहां आ गया। ओफ़िस के बाहर कोई नही था। मैं अन्दर चला गया। अन्दर रोशनी बहुत कम थी। आखिरी केबिन से कुछ लाईट आ रही थी। मैं उस तरफ़ गया तो नजदीक जाने पर मुझे कुछ आवाजें सुनाई दी। किसी औरत की सिसकियों की आवाज आ रही थी। मैंने धीरे से अन्दर देखा तो हैरान रह गया।
अन्दर इला सोफ़े पर नंगी बैठी हुई थी और दो आदमी भी नंगे उसके साथ थे। एक इला के बूब्स चूस रहा था और दूसरा आदमी उसकी चूत चाट रहा था। इला आंखें बद करके सिसकारियां ले रही थी। तभी एक आदमी ने अपना लण्ड इला के मुंह में डाल दिया और इला उसे चूसने लगी। दूसरे आदमी ने तब तक अपना लण्ड इला की चूत में डाल दिया और उसकी चुदाई शुरू कर दी। इला भी चुदाई का मज़ा ले रही थी। अब पहले आदमी ने इला को कुतिया की तरह बना दिया और अपना लण्ड उसकी गाण्ड में डाल दिया। इला दर्द से चीखने लगी पर वो ओर जोर जोर से इला की गाण्ड की चुदाई करने लगा।
अब इला का दर्द कम हो गया था। इस तरह दोनो ने बारी बारी इला की घण्टों चुदाई की। इला भी मस्ती से चुदाई करा रही थी।मैं वहां से चुपके से घर आ गया। इला रात के बारह बजे घर आई। वो बहुत थकी हुई थी पर आते ही मैंने भी उसकी चुदाई कर दी। उसने मुझे बताया कि उसकी प्रोमोशन हो गई है, अब उसे ओफ़िस में कभी कभी देर तक रुकना पड़ेगा।
पर मुझे तो पता था कि असली बात क्या है। मैंने उसे रोका नहीं। आज उसे ओफ़िस का हर मैनेज़र चोद चुका है।
आज इला का फ़ोन आ गया कि उसे ओफ़िस में जरूरी काम है इस्लिए उसे देर हो जाएगी और वो ओटो से घर आ जाएगी। मैं भी घर जा कर आराम करने लगा। अचानक मुझे एक जरूरी काम याद आ गया। मैं वो काम करने बाज़ार गया। अपना काम करने में मुझे दो घण्टे लग गये। मैंने सोचा कि इला भी फ़्री हो गई होगी तो उसे भी साथ ले चलूं। मैं वहीं से इला के ओफ़िस की तरफ़ चल पड़ा।
उसका ओफ़िस सबसे उपरी मन्जिल पर है। मैं वहां आ गया। ओफ़िस के बाहर कोई नही था। मैं अन्दर चला गया। अन्दर रोशनी बहुत कम थी। आखिरी केबिन से कुछ लाईट आ रही थी। मैं उस तरफ़ गया तो नजदीक जाने पर मुझे कुछ आवाजें सुनाई दी। किसी औरत की सिसकियों की आवाज आ रही थी। मैंने धीरे से अन्दर देखा तो हैरान रह गया।
अन्दर इला सोफ़े पर नंगी बैठी हुई थी और दो आदमी भी नंगे उसके साथ थे। एक इला के बूब्स चूस रहा था और दूसरा आदमी उसकी चूत चाट रहा था। इला आंखें बद करके सिसकारियां ले रही थी। तभी एक आदमी ने अपना लण्ड इला के मुंह में डाल दिया और इला उसे चूसने लगी। दूसरे आदमी ने तब तक अपना लण्ड इला की चूत में डाल दिया और उसकी चुदाई शुरू कर दी। इला भी चुदाई का मज़ा ले रही थी। अब पहले आदमी ने इला को कुतिया की तरह बना दिया और अपना लण्ड उसकी गाण्ड में डाल दिया। इला दर्द से चीखने लगी पर वो ओर जोर जोर से इला की गाण्ड की चुदाई करने लगा।
अब इला का दर्द कम हो गया था। इस तरह दोनो ने बारी बारी इला की घण्टों चुदाई की। इला भी मस्ती से चुदाई करा रही थी।मैं वहां से चुपके से घर आ गया। इला रात के बारह बजे घर आई। वो बहुत थकी हुई थी पर आते ही मैंने भी उसकी चुदाई कर दी। उसने मुझे बताया कि उसकी प्रोमोशन हो गई है, अब उसे ओफ़िस में कभी कभी देर तक रुकना पड़ेगा।
पर मुझे तो पता था कि असली बात क्या है। मैंने उसे रोका नहीं। आज उसे ओफ़िस का हर मैनेज़र चोद चुका है।
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