घर की इज्जत बचाई - New indian porn story

Monday, 19 February 2018

मैं मनीषा आज पहली कहानी आप सब के लिए ले कर आई
हूँ| मुझे उम्मीद है आप को मेरी ये कहानी पसन्द आयेगी| और आप मेरी
ये कहानी पढ़ कर खूब मजे लेंगे| ये कहानी एक सेक्स कहानी तो है ही
पर इस कहानी में मैंने कैसे अपने घर की इज्जत बचाई मैं आप को ये
बताउंगी| मैं पुणे में अपनी बड़ी जॉइंट परिवार के साथ रहती हूँ|
मैं घर की सबसे बड़ी बहु जैसे| अब हाल में ही पुरे घर की जिमेदारी
मिल गई है| | मेरा घर तीन मंजिला का है| सब से ऊपर मेरी चाची सास
और चाचा ससुर जी रहते है| और दुसरे वाले पर मेरा देवर और देवरानी
रहते है| और सब से निचे मैं और मेरे पति और मेरे बच्चे और उनके
साथ मेरे सास ससुर जी रहते है| हमारा अपना परिवार बिजनेस है| इस
लिए सारे घर के मर्द ही उसके हिसेदार है| घर के सरे मर्द सुबह १०
बजे ही फैक्ट्री में चले जाते है और शाम को ७ बजे तक सब वापस आ
जाते है| हमारे घर में सब के बच्चे है और सब के सब बड़े हो गए है|
मेरे अपने दो बच्चे है जो दोनों ही लन्दन में पढाई करने के लिए गए
हुये है| मेरे देवरानी और चाची सास के बच्चे अभी पढाई कर रहे है|
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और उन दोनों के बच्चे अभी सब से छोटे है| जो की अभी यहीं पर पुणे
में ही पढाई कर रहे है| कहने में तो हम एक बड़ी परिवार वाले है| पर
हम सब का अपना अलग अलग किचन है| और तीनों फ्लोर आर २ अलग अलग नोकर
है| जो तीनों के लिए घर का सारा काम करते है| और घर की साफ सफाई
के लिए हमने एक काम वाली रखी हुई है| जो की सुबह आती है और दोपहर
तक सारा काम करके चली जाती है| हमारे घर के ३ नोकर रामू और पपू ये
दोनों परमानेंट है| और एक नोकर जो लोकल ही है रमेश वो अपने घर काम
करके चला जाता है| रामू और पप्पू ये दोनों घर के सब से ऊपर एक
छोटे से बने हुए कमरे में रहते है| सब कुछ बहुत अच्छे से चल रहा
था|
हमारी पूरा परिवार में बहुत प्यार था| सब के सब बहुत खुश थे मेरी
सासु माँ घर में सब से बड़ी है| अब उनकी उम्र हो गई| इसलिए
उन्होंने ख़ुशी से मुझे पुरे घर की चाभी दी हुई है| मेरे पास एक
ऐसा चाभी है जिससे घर का हर दरवाजा खुल जाता है|एक दिन की बात है|
उन दिनों गर्मी अपने पुरे जोर पर था| हम सब औरत ३ बजे तक लंच करके
सो जाती थी| और शाम को ५ या ६ बजे तक उठ कर रात के डिनर की तैयारी
करने लग जाती थी| उस दिन मैं भी रोज की तरह लंच करके सोने लगी| पर
मुझे न जाने उस दिन नींद नहीं आई| मुझे अन्दर से बैचेनी से लग रही
थी| इसलिए मैं उठी और मैंने सोचा क्यों न ऊपर देवरानी से मिल कर
आती हूँ| मैं उसके रूम पर गई तो देखा दरवाजा बंद था| मैंने सोचा
की शायद सो रही होगी| पर मैंने सोचा की मैं खोल कर देख लेती हूँ
अगर ये सो रही होगी तो मैं वापस चली जाउंगी| मैं निचे आयी और
मास्टर चाभी से उसका दरवाजा खोल लिया| और चुपके से अन्दर आई|
अन्दर आते ही मुझे देवरानी की आह आह आह की आवाजें आने लग गई| मैं
हैरान थी क्यूंकि देवर जी तो फैक्ट्री गए हुए थे|
मुझे लगा की शायद वापस आ गए है| मैं चुपचाप वापस जाने लगी तो
मैंने सोचा एक बार देखूं तो क्या चल रहा है| मैं उसके बेडरूम की
साइड वाली खिड़की में से देखने लग गई| पर उस पर पर्दा लगे हुए थे
पर मुझे उसका नंगा पेट दिख रहा था| मुझे लगा शायद ये अपने हाथ से
ही अपनी चूत को शांत कर रही है| पर तभी मुझे एक मर्द का हाथ दिखा
मैं ये देख हैरान रह गई|फिर कुछ ही देर में उस मर्द का चेहरा दिखा
तो मैं हैरान रह गई| क्यूंकि वो और कोई नहीं वो हमारे घर का नोकर
रामू था| मुझे सच में बहुत जोर से धका लगा| फिर मैंने अपने आप को
संभाला मुझे सच में बहुत गुस्सा आ रहा था| क्यूंकि ये ये इतनी बड़े
घर की बहु होते हुए भी एक नोकर से चुदवा रही है|
ये बात मुझे चाची सास को बतानी थी इसलिए मैं चुप चाप उसके रूम से
निकल कर ऊपर वाले फ्लोर पर गई| और देखा तो चाची सास का भी रूम
अन्दर से बंद था| मैंने सोचा की ये आखिर हो क्या रहा है| मैंने
मास्टर चाभी से रूम खोला तो देखा की अन्दर चाची सास भी नोकर पप्पू
से चोद रही है| अब मेरा दिमांग गुस्से से फटने वाला था| मैं चुप
चाप निचे अपनी रूम में आ गई| और बैठ कर ये सोचने लग गई की इन
दोनों ने तो हमारे घर की इज्जत की माँ चोद दी है| जब रात को ७ बजे
देवरानी निचे किचन में आई तो मैंने उस से पूछा की आज दोपर को सो
रही थी क्या| उसने कहा हाँ जी बहुत अच्छी नींद आई| मैंने कहा
अच्छा मैं आई थी तुम्हारे रूम में पर मैंने देखा तो तुम सो नहीं
रही थी| कुछ कर रही थी और वो भी नोकर रामू के साथ| मेरी ये बात
सुन कर वो एक दम डर गई| और रोने लग गई जोर जोर से| तो वो बोलने लग
गई मुझे माफ़ कर दो मैं इसमें कुछ नहीं कर सकती थी| क्यूंकि जब
पिछले महीने मेरी चाची का लड़का मुझसे मिलने आया था उसने मुझे चोदा
था| क्यूंकि हम दोनों का चक्कर शादी से पहले का चल रहा था|
पर उस दिन हम दोनों को सेक्स करते हुए रामू ने देख लिया था| और
साथ ही उसने अपने मोबाइल में हम दोनों की सेक्स विडियो बना ली थी|
मैं बहुत डर गई थी उसने मुझे ब्लैकमेल किया और मेरे साथ सेक्स
करने लग गया| अब तक वो मुझे २० बार से भी ज्यादा चोद चूका है| अब
मुझे उसके साथ चोदने में मजा आने लग गया है| मैं भी क्या करूँ आप
ही बताओ क्यूंकि अगर मैं किसी को बताती तो उसमे मेरी ही बदनामी
होती| मैंने साथ ही अपनी चाची सास को भी बुला लिया| जब उससे पुचा
तो उन्होंने कहा की तुम्हारे चाचा ससुर जी तो अब सेक्स करते नहीं
इसलिए मुझे अपनी चूत की प्यास नोकर से शांत करवानी पड़ती है| मैंने
उन दोनों को बहुत अच्छे से समझाया की तुम दोनों मेरे घर की इज्जत
को ख़राब कर रही हो| अगर किसी को पता चल गया तो क्या होगा हमारे घर
का| कितना नाम है पुणे में सब की माँ चुद जाएगी| क्या कहेंगे लोग
की हमारे घर की बहु अपने ही नोकर से चुद्वाती है| इसलिए मैं ये
चाहती हूँ की तुम ये सब अभी के अभी बंद करो| मेरे कहने का उन
दोनों पर कोई असर नहीं हुआ| वो दोनों अभी भी उन दोनों से सेक्स कर
रही थी|
इसलिए मुझे ही अब कुछ करना था| मैंने सब मेम्बर को एक साथ किया और
कहा की अब हमारे घर में चोरी हो रही है| इसलिए मैंने दो काम वाली
को अपने घर में परमानेंट कर रही हूँ| क्यूंकि दो नोकर मर्द है जो
की घर के लिए ठीक नहीं है| कहीं न कहीं एक डर लगा रहता है की कहीं
कुछ गलत न हो जाये| सब ने मेरी बात मान ली और अगले ही दिन हमने उन
तीनों नोकर को घर से निकल दिया| और उन तीनों की जगह ३ काम वाली रख
ली| उस दिन के बाद आज तक वो दोनों मुझ से ठीक ढंग से बात नहीं
करती| इसका मतलब तो ये हुआ की वो दोनों खुद ही नोकर से चुद्वाती
थी| और मुझ से झूट बोलती थी| पर मुझे इस से अब कोई मतलब नहीं है
क्यूंकि अब मेरा घर का इज्जत एक दम सेफ है|

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माँ के बदन की सुंदरता को देखा और अपना हिलाया

Sunday, 18 February 2018

मैं रोहन आपको अपनी सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ; यह मेरी और मेरी माँ की कहानी हे; अपनी माँ के बारे में भी आपको बता देता हूँ, उसका नाम मोहिनी है; उम्र ४५ साल; रंग गोरा, शरीर पतला है; उनका फिगर 32-30-34 है.
दोस्तो, अब मैं आपको जो बताने जा रहा हूँ; गर्मी के दिन थे, मैं, दादी-दादा बाहर के कमरे में सो रहे थे; दोपहर का टाइम था, मेरी आँख खुल गई.
मैंने सोचा कि भाई के साथ खेल लूँ; तो अंदर के कमरे की तरफ गया; कमरा अंदर से बंद था, मैंने खिड़की से देखा तो माँ नीचे लेटी हुई थी; और पापा उनके ऊपर थे, धक्के लगा रहे थे.
फिर मैं वापिस बाहर के कमरे में आ गया; लेकिन मेरे दिमाग़ में बस वही सीन चल रहा था; कुछ दिन मैं ऐसे ही कोशिश करता रहा कि वो सीन देखने को मिल जाए लेकिन नहीं मिला.
थोड़े दिन बाद मेरी मुलाकात मेरे दोस्त के दोस्त से हुई; उसने एक दिन मुझे चुदाई की कुछ तस्वीरें दिखाई; मुझे देख कर अच्छा लगा; कुछ दिन बाद वो मुझे फिर मिला उसने मुझे एक सेक्स स्टोरी पढ़ाई; मुझे बहुत अच्छा लगा; ऐसे ही मैं हर सन्डे उसके घर जाने लगा और सेक्स स्टोरी पढ़ने लगा.
काफ़ी दिन ऐसे ही चलता रहा; इसी बीच में उसने मुझे लंड को हिलाना भी सीखा दिया; ऐसे ही मैं कहानियाँ पढ़ कर अपना हिलाता था; एक दिन मैंने एक और माँ बेटे की कहानी पढ़ी; उसे पढ़ कर ऐसा लगा जैसे वो कहानी मेरी माँ के लिए ही लिखी गई हो; वही साइज़ का वर्णन, वैसी ही गांड की बात; मैं पागल सा हो गया था और पढ़ते पढ़ते ही मेरी छोटा सा लंड पूरा तन गया था.
मैं नीचे आया तो देखा कि माँ अपने कपड़े बदल रही थी; उनके गोरे बदन को देख कर मन किया कि अभी चाट लूँ और अपना लंड अभी माँ के अंदर डाल दूँ; लेकिन डरता था इसलिए कुछ नहीं किया; और बाथरूम में जाकर अपना हिला कर खुद को शांत किया;
अब तो मैं बस माँ के ही ख्याल ले के अपना हिलाने लगा.
हमारे घर में बाथरूम नहीं था; इसलिए माँ आँगन में ही नहाती थी; एक दिन माँ नहा रही थी; मैं आया तो दरवाजा बंद था; मैंने बोला- माँ दरवाज़ा खोलो, मुझे अंदर काम है
तो माँ ने कहा- अभी मैं नहा रही हूँ; थोड़ी देर के बाद खोलती हूँ.
लेकिन मैं दरवाजे की दरार से झाँकता रहा; अब मुझे माँ टॉवल लपेट कर आती हुई दिखाई दी तो मैं गेट से हट गया.
अब माँ ने दरवाज़ा खोल दिया; और जाने लगी; मैं माँ की सेक्सी जाँघों को घूर रहा था; वो बिल्कुल चिकनी थी; मैंने आँगन में झाँकने की जगह खोजना शुरू कर दिया; पहले तो दरवाजे से कोशिश की; लेकिन बात नहीं बनी.
हमारे घर में एक कमरा हे; उस की खिड़की आँगन में खुलती है; वो खिड़की हमेशा बंद ही रहती है; और उसका दरवाजा अंदर रूम की तरफ खुलता है.
जैसे ही मैंने खिड़की को देखा; मैं भाग कर उस कमरे में गया और खिड़की को खोला; मैंने खिड़की को थोड़ा सा खुला रखा जिसमें से मैं उस जगह को आराम से देख सकता था; बाकी बंद कर दिया ताकि कोई आँगन से मुझे आसानी से ना देख पाए;
और वहां पर अपने बैठने के लिए जगह बनाई.
अब मैं आँगन में गया और खिड़की से 2 कदम दूर होकर देखने की कोशिश की कि अंदर का कुछ दिख रहा है या नहीं; बाहर जाली और अंदर रूम में अंधेरा होने के कारण आँगन से अंदर रूम का कुछ दिखाई नहीं दे रहा था.
अब मैं कल के इंतज़ार में था; पूरे दिन बस कल जो होने वाला था; उसी का ख्याल था.
रात हो गई थी; मैं सो गया लेकिन रात में ही मेरी आँख खुल गई; मैं उठा तो देखा सब सो रहे है;फिर मैं उठा, मैंने पानी पिया और माँ की चारपाई की तरफ देखा माँ करवट लेके सो रही थी, उनका शर्ट थोड़ा ऊपर उठा हुआ था और सलवार थोड़ी टाइट थी जिस वजह से माँ की गांड की पूरी गोलाई नज़र आ रही थी.
जैसी ही मेरी नज़र उस पर पड़ी तो माँ की गांड मुझे खींचने लगी; और मैं भी माँ की गांड की तरफ खींचता चला गया; मैं माँ की गांड के नज़दीक खड़ा था और मेरे हाथ माँ की गांड की तरफ बढ़ रहे थे.
जैसे ही मेरे हाथ ने माँ की नर्म गोल गांड को स्पर्श किया; मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ गया; मैं अपने आप के ऊपर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था; मन कर रहा था कि अभी सलवार को फाड़ दूँ; और माँ की गांड पर अपने होंठों से अपनी मोहर लगा दूँ.
मेने एक बार फिर से दोनों चूतड़ को हाथ से दबाया और अपने बेड पर आकर लंड को हिला कर सो गया; अब वो दिन आ गया था, जब मुझे मा की गांड के दर्शन होने वाले थे; मैं सुबह उठा और खेलने चला गया; लेकिन खेलने में बिल्कुल मन नहीं लग रहा था; मैं तो इंतज़ार कर रहा था जब माँ नहाने जाएगी.
अब एक बज रहा था, तभी मुझे आँगन का दरवाजा बंद होने की आवाज़ आई; बस मैं तो इसी पल का इंतज़ार कर रहा था; मैं झट से उठा और रूम में गया और बाहर झाँका, बाहर का सब कुछ बिल्कुल साफ दिख रहा था; माँ आई, उसने डार्क चॉकलेट रंग का सलवार सूट पहना हुआ था और उनके हाथ में टॉवल था.
माँ का चेहरा मेरी साइड था; अब माँ ने कपड़े उतरने शुरू किए; पहले वो शर्ट उतार रही थी, जैसे जैसे शर्ट ऊपर उठ रहा था मेरी आँखें फटी जा रही थी; और धीरे धीरे उनका गोरा पेट मेरे सामने आता जा रहा था; मैं उस टाइम अपनी पलकें भी नहीं झपका रहा था क्योंकि मैं एक भी पल को मिस नहीं करना चाहता था.
शर्ट उठते उठते ब्रा तक पहुँच गया था; माँ का पेट कसा हुआ था और किसी हिरोइन के जैसा लग रहा था. अब शर्ट बूब्स के ऊपर गले तक जा चुका था; और मैं आँखें फाड़ फाड़ फाड़ कर माँ की चुची घूर रहा था; माँ शर्ट निकाल चुकी थी और हैंगर पर टाँग रही थी; और मेरी नज़र माँ के चूचों से नहीं हट रही थी; छोटे संतरा जैसे टाइट बूब्स काले रंग की ब्रा में क़ैद थे.
अब माँ मेरे सामने सिर्फ़ काले रंग की ब्रा और पेंटी में थी; उनके दूधिया जिस्म पर काली रंग की पेंटी बहुत अच्छी लग रही थी जैसे कि उनके खूबसूरत जिस्म को नज़र लगने से बचा रही हो.
अब माँ ने ब्रा का हुक खोला और ब्रा को निकाल दिया; उनके बूब्स अब आज़ाद पंछी की तरह हवा में आ गये थे; और पूरा सख्ती के साथ खड़े हुए थे; उनके चूचुक गहरे गुलाबी रंग के थे और उठे हुए थे; मेरा तो अब बुरा हाल हो रहा था, मेरी पैंट के अंदर तंबू बन चुका था.
अब मैं इंतज़ार में था कि कब पेंटी उतरे; लेकिन मा ने पेंटी नहीं उतारी और नहाने बैठ गई; वो मेरी तरफ ही मुँह कर के बैठी हुई थी और अपने पैरों को धो रही थी; उनके पैर बहुत ही चिकने लग रहे थे; मैंने अपना लंड पैंट से बाहर निकाल लिया था और धीरे धीरे हिलाने लग गया था.
अब मा ने पानी गर्दन के नीचे गिराया; अब मा ने कमर के ऊपर तक और पैरों पर साबुन लगाया और अपने शरीर को मसलने लगी; पहले गर्दन के नीचे से और अब बूब्स तक हाथ आ गये थे.
मा अब बूब्स को रग़ड़ रही थी; कुछ अलग ही तरीके से वो गोल गोल घुमा रही थी; शायद तभी उनके बूब्स अभी भी गोल और सख़्त थे.
वो बीच बीच में बूब्स को दबा भी रही थी; और बूब्स हाथों की पकड़ से फिसल जा रहे थे; जैसे जता रहे हों कि इतनी आसानी से हाथ नहीं आएँगे.
अब मा ने अपनी जाँघों को मसला और साबुन उठा कर पेंटी के अंदर घुसा दिया; अब माँ खड़ी हो गई; और उनकी कमर मेरी तरफ की तो उनकी गोल गांड मेरे सामने थी; जो उनकी पेंटी में पूरी समा नहीं पा रही थी.
मेरे तो होश उड़ गये थे और मेरे हाथ की रफ़्तार तेज़ हो गई थी जिस गांड के लिए मैं पागल था वो आज मेरे सामने थी, वो भी आधी नंगी; अब मा ने पेंटी में हाथ डाला और नीचे सरकाने लगी; मैं तो पागल हो उठा, मुझे मा के चूतड़ की दरार दिखना शुरू हो गई थी और वो दरार बढ़ती जा रही थी.
और कुछ सेकिंड के बाद माँ की नंगी गांड मेरे सामने थी; और वो भी दो कदम की दूरी पर.
आज मेरा लंड गर्म बन गया था; और मेरा हाथ तो जैसे बिजली की रफ़्तार से चल रहा था; माँ की गांड बिल्कुल गोल थी; और एक भी दाग नहीं था.
अब मा साबुन उठाने के लिए झुकी तो मेरे होश उड़ गये मेरा सारा खून मालूम नहीं कितनी रफ़्तार से दौड़ रहा था; यह पहली बार था जब मैं मा की गांड का छेद देख रहा था.
अब मा चूत को रगड़ रही थी फिर अपने चूतड़ रगड़े; फिर मा अपने पैर रगड़ने के लिए झुकी; मुझे फिर से मा की गांड का छेद दिखाई देने लगा; मा के झुकने के कारण उनकी गहरे गुलाबी रंग चूत भी मुझे दिख रही थी.
मा की चूत की फांकें खुली हुई थी और मुझे छेद साफ नज़र आ रहा था; मैंने पहली बार मा की चूत और माँ की गांड को देखा था; माँ पैर रगड़ते हुए ऊपर नीचे हो रही थी जिससे माँ की गांड का छेद खुल और बंद हो रहा था; जैसे मुझे बुला रहा हो.
मैं बिल्कुल पागल हो गया था; मन कर रहा था कि अभी चला जाऊँ मा के पीछे और अपने होंठ मा की चूत और गांड पर रख दूँ; और चाट चाट कर सारा रस पी जाऊँ; और फिर अपना पूरा लंड मा की गांड में उतार कर माँ की चीखें निकाल दूँ; लेकिन मैं अपने हाथ से लंड हिलने के सिवा कुछ नहीं कर सकता था.
मा अब अपने ऊपर पानी डाल रही थी; और मैं ज़ोर ज़ोर से लंड हिला रहा था; मेरी साँसें काफ़ी तेज़ हो चुकी थी; मा अब नहा चुकी थी वो खड़ी हुई और अपने ऊपर एक डिब्बा पानी डाला; फिर दूसरा डिब्बा पानी लेने के लिए जैसे ही झुकी; फिर से मा की गांड का छेद मेरे सामने था.
और तभी मुझे सिहरन सी हुई और मेरे लंड से पिचकारी निकलने लगी; आज मेरा लंड पानी छोड़े ही जा रहा था; आज तक कभी भी मेरा इतना पानी नहीं निकला था; मैं निढाल सा पड़ गया था और पसीने से लथपथ हो गया था और ऐसे ही पड़े हुए मा को देख रहा था.
मा टॉवल से अपने गोरे जिस्म को पोंछ रही थी; सारा जिस्म पोंछने के बाद टॉवल अपने जिस्म से लपेटा और फिर माँ अपनी गोल गोल मखमली गांड को हिलाते हुए वहाँ से चली गई.
अब मैं जब भी मौका मिलता; माँ को नहाते हुए देखने लग गया और देख देख कर अपना लंड हिलाने लग गया और रातों में माँ की गांड पर हाथ फिराने और दबाने लग गया.

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में भाबी और भाई का नौकर

Monday, 22 January 2018

हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम मनी है और में पंजाब का रहने वाला हूँ antarvasna antarvassna Indian Sex Kamukta Chudai Hindi Sex Stories मेरी उम्र 20 साल है। दोस्तों.. मुझे सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और में इस साईट पर काफी समय से सेक्सी कहानियाँ पढ़ रहा हूँ। में इस साईट का बहुत बड़ा फेन हूँ। आज में जो कहानी आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ.. वो मेरे भैया और भाभी की है जो कि मेरे मामाजी के लड़के हैं। यह बात आज से लगभग दो साल पहले की है। में अपनी गर्मी की छुट्टियों में अपने मामा जी के घर गया था। वहाँ पर मामाजी, मामी और भैया, भाभी रहते है।


भाभी के बारे में क्या बताऊँ? में तो शुरू से ही उनके साथ सेक्स करना चाहता था.. क्या फिगर है भाभी का? एकदम सेक्सी, पतली कमर, गदराया हुआ बदन.. उनकी हाईट 5.7 इंच है और उनके बड़े बड़े बूब्स का साइज़ 36 है और उनकी गांड 34 इंच की होगी और मुझे भाभी की गांड सबसे प्यारी लगती थी और भाभी भी अपने शरीर की बहुत देख रेख करती थी.. मुझे भाभी का शरीर एकदम सेक्सी लगता था।


दोस्तों.. अब में सीधे स्टोरी पर आता हूँ.. एक दिन में भाभी के रूम में बैठा टीवी देख रहा था और भाभी नहा रही थी और मेरी मामीजी ऊपर वाले कमरे में बैठी थी। तभी टीवी देखते देखते मेरी नज़र भाभी के सेंडल पर पड़ी और में सीधा ज़मीन पर लेटकर भाभी के सेंडल और हील्स के तलवे चाटने लग गया और में उनको सूंघ रहा था सच में मुझे बाड़ा मज़ा आया और करीब 10-15 मिनट तक में तलवे ही चाटता रहा और मुझे यह भी पता नहीं चला की भाभी कब नहाकर रूम में आ गई और उन्होंने मुझे ऐसा करते हुए देख लिया.. तो वो ज़ोर से चिल्लाई कि क्या कर रहे हो? में बहुत डर गया और में एक दो मिनट तक कुछ नहीं बोला तो भाभी ने फिर से बोला कि कुछ बोलोगे या नहीं?


में चुप रहा और फिर भाभी ने कहा की रूको में मम्मा को बताती हूँ। यह सुनकर में रोने लग गया और मैंने भाभी के पैर पकड़ लिए। फिर उनसे सॉरी कहने लगा.. लेकिन भाभी मेरी एक भी नहीं सुन रही थी। मैंने भाभी के पैर नहीं छोड़े तो कुछ देर बाद भाभी ने बोला कि चलो कोई बात नहीं में किसी को कुछ नहीं बताती.. लेकिन जो में कहूंगी वो तुम्हें करना होगा? मैंने एकदम से हाँ कर दी। भाभी ने कहा कि तुम यह तलवे अच्छी तरह से चाटो और इन पर जो भी गंदगी लगी है उसे भी साफ करो।


तभी में भाभी के मुहं की तरफ देखने लगा तो उन्होंने मुझे इशारा किया और बोला कि जो मैंने कहा वो जल्दी से करो। मैंने कहा कि ठीक है और में अंदर ही अंदर बहुत खुश हो रहा था.. क्योंकि में अपनी भाभी का नौकर बन रहा था और वो मेरी मालकिन। मैंने सेंडल चाटकर साफ कर दिए तो भाभी ने कहा कि में अपनी अंडरवियर में जमीन पर लेट जाऊ। तो में लेट गया और भाभी ने अपनी सॅंडल पहनी और मेरे ऊपर खड़ी हो गई और मेरे खड़े लंड को अपने पैरों से मसलने लगी.. उस टाईम मेरी हालत बहुत खराब हो गई थी और में सिर्फ़ आहाह्ह्ह अहाह्ह्ह कर रहा था। फिर भाभी ने कहा कि खड़े हो कर मेरे पैर चाटो.. तो में अच्छी तरह से उनके पैर चाटने लगा और अब मेरी हिम्मत भी थोड़ी थोड़ी बढ़ रही थी। मैंने भाभी को कहा कि क्या में आपकी चूत भी चाट सकता हूँ? उन्होंने कहा कि कुत्ते कमीने क्या तू अपनी भाभी से ऐसे बात करेगा? तो मैंने फिर से सॉरी कहा..


तभी उन्होंने कहा कि आजा में तुझे चटवाती हूँ.. तू अब नीचे लेट जा। तो में नीचे जमीन पर लेट गया.. भाभी ने अपनी सलवार और पेंटी को नीचे सरकाया.. वाह क्या नज़ारा था? गोरी मोटी मोटी जांघे और उन पर एक भी बाल नहीं था। में तो जैसे जन्नत के नज़ारे ले रहा था और उनकी चूत पानी से गीली हो चुकी थी और चूत पर हल्के हल्के बाल थे। भाभी अभी मेरे सामने नंगी खड़ी थी.. में भाभी से कहने लगा कि भाभी प्लीज़ मुझे अपनी चूत टेस्ट करने दो.. तो उन्होंने बोला कि कुत्ते और भीख माँग में तुझे इतनी आसानी से चूत चाटने को नहीं दूंगी.. फिर में और भीख माँगने लगा.. उनके पैर चाटने लगा तो भाभी ने कहा कि चल ठीक है और फिर भाभी सीधे मेरे मुहं पर आ कर बैठ गई और चूत की जगह उन्होंने अपनी गांड मेरे मुहं पर रख दी.. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और में चाटने लग गया और भाभी आवाज़े निकालने लगी उफफफफफ्फ़ कुत्ते अच्छी तरह से चाट आहा हम्म अहहाा चाट और ज़ोर से चाट.. मैंने भी अपनी जीभ उनकी गांड के छेद में डाल दी और ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा.. वो अब सातवें आसमान पर थी।


वो मुझे बहुत गालियाँ दे रही थी और अपनी चूत में उंगली अंदर बाहर कर रही थी। 15 मिनट चाटने के बाद वो झड़ गई और अपना सारा पानी मेरे ऊपर गिरा दिया मैंने उनका सारा पानी पी लिया और फिर वो बोली कि चल कुत्ते आज के लिए बहुत हुआ और आज रात को 11 बजे मेरे रूम में आ जाना। मैंने कहा कि रात को तो रूम पर भैया भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा की तू टेंशन मत ले.. मैंने तुझसे जितना कहा है उतना कर। मैंने कहा कि ठीक है और भाभी की चूत को चाट चाटकर अच्छी तरह से साफ करके बाहर आ गया। फिर में बड़ी बेसब्री से रात के होने का इंतज़ार कर रहा था और जैसे ही रात के 11 बजे में उनके रूम में गया और जैसे ही मैंने रूम का दरवाजा खटखटाया तो अंदर से भाभी की आवाज आई कि अंदर चले आओ.. दरवाजा खुला है। मैंने दरवाजा खोला और जैसे ही अंदर जाकर देखा तो भाभी बेड पर लेटी हुई थी और भैया, भाभी की चूत को कुत्ते की तरह अपनी जीभ से चाट रहे थे।


फिर में रूम से बाहर आने लगा.. तो भाभी ने बोला कि अबे कुत्ते कहाँ चला? इधर आ जा तो में बहुत दंग रह गया और फिर भैया मुझे देखकर हंस रहे थे और में उनके पास गया और भैया, भाभी को देखने लगा। फिर भाभी बोली कि कुत्ते क्या वहाँ पर खड़ा ही रहेगा या कुछ काम भी करेगा? तो मैंने कहा कि जी हाँ.. जो आप कहो तो उन्होंने कहा कि चल अब जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार। में भैया के कारण थोड़ा शरमा रहा था तो भैया ने भी बोला कि चल कोई बात नहीं उतार दे और जैसा तेरी भाभी बोल रही है.. तू वैसे ही कर और देख आज तुझे हम कैसे मज़े देते है। तभी में यह बात सुनकर दंग रह गया और अपने कपड़े उतार कर एक साईड पर खड़ा हो गया तो भाभी ने मेरा खड़ा लंड देखा.. लंड पूरा तनकर खड़ा था। भाभी ने भैया से बोला कि देखो तुमसे बड़ा लंड तो इसका है..


तो भैया ने बोला कि देर किस बात की है ले लो इसका भी लंड और दिखा दो इसको भी अपने नज़ारे। में उनकी यह बात सुनकर हैरान रह गया और वो दोंनो ऐसे बोलते हुए हंसने लगे। फिर भाभी ने कहा कि ठीक है.. लेकिन इतनी जल्दी नहीं और उन्होंने मुझसे कहा कि में भैया की गांड को चाटू। मैंने उनसे साफ मना कर दिया तो भाभी ने सीधे मेरी गांड पर ज़ोर से एक लात मारी और मुझे गलियाँ देने लगी। तभी में अपने आप को बिल्कुल मजबूर महसूस कर रहा था। मैंने कहा कि ठीक है और फिर में अपने भैया की गांड चाटने लगा और धीरे धीरे भैया भी अपनी गांड उठा उठाकर चटवा रहे थे और फिर कुछ समय बाद मुझे भी मज़ा आने लगा। तभी भाभी ने कहा कि उन्हें मेरा लंड टेस्ट करना है.. तो हम 69 पोज़िशन में आ गये में भाभी की चूत चाट रहा था और भाभी मेरा लंड और भैया बीच बीच में कभी भाभी के बूब्स चूस रहे थे।


जैसे ही भाभी ने लंड मुहं में डाला वाह वो क्या अहसास था और वो लंड को काट भी रही थी.. तो मेरी चीख निकल रही थी और फिर 5 मिनट के बाद में झड़ गया और भाभी ने मेरा सारा वीर्य पी लिया और फिर से मेरा लंड मुहं में डालकर चूसने लगी जैसे ही लंड फिर से खड़ा हुआ उन्होंने कहा कि चल अब यह लंड मेरी चूत में डाल। मैंने कहा कि ठीक है और मैंने एक झटका मारा और अपना पूरा लंड भाभी की चूत में डाल दिया। तभी भाभी बहुत ज़ोर से चिल्लाई और बोली कि हरामी थोड़ा आराम से कर.. क्या मुझे मार ही देगा? तू रुक तुझे तो में अभी बताती हूँ और भाभी ने भैया को कहा कि वो अपना लंड मेरे मुहं में डाल दे।


मैंने अपना मुहं खोलने से मना कर दिया.. लेकिन भाभी और भैया ने ज़बरदस्ती मेरे मुहं में लंड डाल दिया और भाभी मेरे लंड पर ऊपर नीचे उछल रही थी और भैया ने मेरे सर के बालों को पकड़कर पूरा लंड मेरे मुहं में अंदर तक डाल दिया.. जिससे मेरी साँसे रुक गई.. लेकिन कुछ टाईम बाद जाकर थोड़ा आराम हुआ और भैया का लंड अभी में अच्छी तरह से चूस रहा था और उधर भाभी अपने जलवे दिखा रही थी।


फिर जैसे ही लंड अंदर जाकर चूत की दीवार से टकराता तो भाभी लंड को अंदर ही जकड़ लेती भाभी बहुत बड़ी चुदक्कड़ है.. भाभी आवाज़े निकाल रही थी और मुझे गलियाँ भी दे रही थी। मैंने भाभी का ऐसा रूप पहली बार देखा था वो बोल रही थी और ज़ोर से चोद कुत्ते हरामी मदारचोद भोसड़ा बना दे मेरी चूत का और में उनको फुल स्पीड से चोद रहा था। उधर भैया ने 5 मिनट के बाद सारा वीर्य मेरे मुहं में डाल दिया.. तो मुझे बहुत गंदा लगा।


में जैसे ही थूकने लगा तो भाभी ने मुझे किस करना शुरू कर दिया और बड़े ही आराम से सारा वीर्य मुझे पिला दिया.. लेकिन मुझे उस टाईम बहुत अच्छा लगा और फिर हम दोनों ने 5 मिनट तक किस किया और उधर मेरा भी वीर्य निकलने वाला था और भाभी भी दो बार झड़ गई थी। मैंने भाभी को पूछा कि कहाँ गिराऊँ? तो उन्होंने बोला कि मेरी चूत के अंदर ही डाल दे.. तो में अपना सारा वीर्य उनकी चूत के अंदर ही डाल दिया और भैया हम दोनों को देखकर अपना लंड मसल रहे थे।


फिर भाभी जैसे ही उठी तो बोली कि चल अब मेरी चूत चाट चाटकर साफ कर में पहली बार अपना ही वीर्य टेस्ट कर रहा था। क्या चूत थी भाभी की एकदम मस्त और में चाट ही रहा था की पीछे से भैया ने अपना लंड मेरी गांड पर रख दिया और जैसे ही उनके लंड का टोपा मेरी गांड के अंदर गया तो मेरी चीख निकल गई.. तो भाभी ने मेरे मुहं पर हाथ रख दिया और मेरी आँखो से आंसू भी निकल गये। लेकिन वो दोंनो नहीं हटे और मेरी गांड मारते गये और कुछ टाईम बाद भाभी मेरे नीचे आ गई और मेरा लंड चूसने लगी और जैसे ही मेरा लंड फिर से तनकर खड़ा हो गया तो भाभी ने फिर से उसे अपनी चूत में डाल लिया और अब मुझमें बिल्कुल भी जान नहीं थी। जो भी कर रही थी वो भाभी ही कर रही थी वो अपनी गांड को उठा उठाकर मेरे लंड को अपनी चूत में आगे पीछे करने लगी।


उधर भैया ने करीब 15 मिनट तक मेरी गांड मारी और अपना सारा वीर्य मेरी गांड में छोड़ दिया और भाभी अभी भी चूत में लंड अंदर बाहर कर रही थी। फिर कुछ देर बाद में भी झड़ गया.. लेकिन भाभी ने लंड को अपनी चूत से बाहर नहीं निकलने दिया और अंदर ही रहने दिया और जब मेरा सारा वीर्य भाभी की चूत के अंदर चला गया और लंड धीरे धीरे सिकुड़ कर अपने आप ही बाहर निकलने लगा।


तभी भैया आकर भाभी की चूत चाटने लगे और कुछ टाईम बाद भाभी खड़ी हुई और मेरे मुहं पर सूसू कर दिया में उनका सारा पेशाब पी गया। दोस्तों वो बहुत नमकीन था.. लेकिन मेरी चुदाई बहुत हॉट और स्वीट थी। फिर उस रात के बाद मैंने, भैया और भाभी ने लगातार तीन चार दिन तक सेक्स किया। फिर जब मुझे दिन में मौका मिलता तो में भाभी के कमरे में चला जाता और उनकी चूत चाटता और चुदाई भी करता.. उनके बूब्स चूसता और रात को हम तीनों एक साथ सेक्स करते थे। में जब तक वहाँ पर रहा हमारी चुदाई लगातार चलती रही भैया और भाभी ने मुझे चुदाई करना और गांड मरवाना सिखा दिया था.. वो मेरे काम से खुश थे और में उनके काम से।


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